साल 1985 से 2007 तक गोरखपुर की चिल्लूपार विधानसभा सीट से लगातार छह बार विधायक रहे पंडित हरिशंकर तिवारी (Harishankar Tiwari) हमेशा चर्चा में रहते थे। वह श्रीप्रकाश शुक्ला के निशाने पर थे। बताया जाता है कि चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र से श्रीप्रकाश शुक्ला चुनाव लड़ना चाहता था। यही वजह थी कि वह हरिशंकर तिवारी को रास्ते से हटाना चाहता था। कहा जाता है कि श्रीप्रकाश शुक्ला को यूपी के ब्राह्मण नेताओं का साथ मिल गया था। इलाके में यह भी नैरेटिव सेट था कि कल्याण सिंह ब्राह्मण विरोधी हैं।
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HARISHANKAR TIWARI PASSED AWAY
लिहाजा श्रीप्रकाश की नजर में कल्याण सिंह दुश्मन नंबर वन हो गए। इसी वजह से उनकी सरकार में मंत्री रहे हरिशंकर तिवारी भी श्रीप्रकाश के निशाने पर आ गए थे। इसकी दो अहम वजहें थीं, इलाके के अपराध जगत का नया बादशाह बनना और राजनीतिक पारी शुरु करना।
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... और सड़क पर उतर आए थे हरिशंकर तिवारी
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होते ही लंबे समय बाद 2017 में तिवारी हाते पर पुलिस का छापा पड़ा था। उस वक्त यह छापा प्रदेश की सुर्खियों में था। छापा के बाद हरिशंकर तिवारी खुद सड़क पर उतरे और कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए।
तिवारी (Harishankar Tiwari) के धरने पर बैठने के बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई। बाद में पता चला कि जिस अपराधी की तलाश में पुलिस हाता गई थी, वह गैर जनपद के जेल में बंद था। इन सबके बीच 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तिवारी परिवार सपा की साइकिल पर सवार हो गया। पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी, पूर्व विधायक विनय शंकर सपा में शामिल हो गए। इसी के साथ सपा की पूर्वांचल में बड़े ब्राह्मण चेहरे की तलाश भी पूरी हो गई। विनय शंकर के साथ उनके भांजे और विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय भी सपा में शामिल हो गए। शेरे पूर्वांचल