Hartalika Teej 2023: हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत किया जाता है। हरतालिका तीज व्रत एक कठिन व्रत माना जाता है। इसमें महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं।
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कहानी (Hartalika Teej ki Kahani)
हरतालिका तीज (Hartalika Teej) का पर्व भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाया जाता है। हरियाली तीज और हरतालिका तीज के बीच लगभग एक महीने का अंतर होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवी पार्वती ने मन ही मन भगवान शिव को अपना पति मान लिया था और वह हमेशा भगवान शिव की तपस्या में लीन रहतीं थीं। यह देखकर पार्वती की सहेलियां उनका हरण करके उन्हें गहरे जंगलों में ले गईं। हरित का अर्थ है हरण करना और तालिका अर्थात सखी। इसलिए इस व्रत को हरितालिका तीज कहा जाता है।Hartalika Teej 2023
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क्योंकि पार्वती के पिता उनका विवाह भगवान विष्णु के साथ करना चाहते थे और माता पार्वती इसके लिए तैयार नहीं थी। पार्वती ने जंगलों में अपनी तपस्या जारी रखी। हरितालिका तीज पर माता पार्वती ने मिट्टी से भगवान शिव की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा की। माता पार्वती की पूजा से भगवान शिव प्रसन्न हुए। उन्होंने दर्शन कर माता पार्वती को विवाह करने का वचन दिया। कालांतर में माता पार्वती के पिता हिमालय ने भी विवाह की अनुमति दे दी। अतः हरतालिका तीज व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं।Hartalika Teej 2023
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व्रत का महत्व (Hartalika Teej)
हरतालिका तीज (Hartalika Teej) व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। साथ ही यह व्रत सुखी वैवाहिक जीवन और संतान की प्राप्ति के लिए किया जाता है। वहीं, कुंवारी कन्याओं द्वारा भी यह व्रत सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए किया जाता है।Hartalika Teej 2023
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