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कई विपरीत परिस्थितियों में घातक भी साबित हो सकती है
सर्दियों में कई लोग बार-बार सीट से उठकर टॉयलेट की तरफ दौड़ते हैं. ऑफिस या कॉलेज में ऐसे लोगों का कई बार मजाक भी बनाया जाता है. शायद लोग इस गंभीर विषय से वाकिफ नहीं हैं. डॉक्टर्स ने चेतावनी जारी करते हुए बताया है कि सर्दियों में बार-बार पेशाब आना या ज्यादा पेशाब आना एक भयंकर समस्या का संकेत है.
- डॉक्टर्स की भाषा में इस बीमारी को कोल्ड डायरेसिस कहा जाता है. यह बीमारी कई विपरीत परिस्थितियों में घातक भी साबित हो सकती है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डॉक्टर फोर यू के जरिए लोगों को जानकारी देने वाली डॉक्टर डायना गॉल ने कोल्ड डायरेसिस नाम के इस रोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी है.
- डॉक्टर डायना ने बताया कि डायरेसिस की वजह से बार-बार या ज्यादा यूरीनेशन आपकी सेहत पर गलत असर डालता है. इसकी वजह से आप अंदर ही अंदर कितने बीमार पड़ रहे हैं, शायद आपको इसकी जानकारी नहीं है.
- डायरेसिस के दौरान इंसान के शरीर से न सिर्फ पानी बाहर आता है, बल्कि यह शरीर में मौजूद नैचुरल नमक और मिनिरल बैलेंस को भी कम करता है, जो कि हानिकारक है.
- पेशाब के जरिए शरीर से सोडियम और पोटेशिमय भी बाहर आता है. शरीर से बहुत अधिक मात्रा में सोडियम और पोटेशियम बाहर निकलने के कारण आप हाइपोनाट्रेमिया के शिकार भी हो सकते हैं.
कैसे रखें ख्याल…
- डॉक्टर डायना का कहना है कि डायरेसिस की दिक्कत तब ज्यादा बढ़ जाती है जब शरीर का तापमान कम हो जाता है. इसलिए इस कंडीशन में इसे कंट्रोल करना बहुत जरूरी है.
- सर्दियों में डायरेसिस से निजात पाने के लिए बॉडी को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं.
- बीच-बीच में पेय पदार्थों को सेवन करने से भी इसे कंट्रोल किया जा सकता है.रिपोर्ट के अनुसार, 30 साल की उम्र के बाद लोगों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है.
- उम्र के इस पड़ाव के बाद तीन में से एक इंसान बीच रात में पेशाब करने उठता है.
- इतना ही नहीं, 65 साल की आयु के बाद तीन में हर दूसरे व्यक्ति को बीच रात में टॉयलेट जाने के लिए नींद तोड़नी पड़ती है. रात बीच में पेशाब आने के इस रोग को डॉक्टर्स की भाषा में नोक्टुरिया कहा जाता है.
- ऐसा दो कारणों से होता है. सोने से पहले शरीर में पानी की मात्रा का ज्यादा होना. दूसरा, किसी इंसान को टाइप-2 डायबिटीज होना.
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