#HEALTH : एक कटोरी दलिया खाकर दूर रखें बड़ी बीमारियां
#HEALTH : दलिया साबुत अनाज है, इसमें प्रोटीन,विटामिन बी1, बी2,फाइबर के अलावा और भी बहुत सारे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में शामिल हैं। लो कैलोरी दलिए का सेवन ज्यादातर लोग नाश्ते में करते हैं। सुबह के समय दलिए का सेवन करने से सारा दिन शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है, इसे अलावा शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए नाश्ते में खाया गया दलिया बहुत फायदेमंद साबित होता है।
आइए जानें इसके फायदे
हड्डियां मजबूत
संतुलित आहार की अनदेखी से आजकल बहुत लोग हड्डियों की कमजोरी से जूझ रहे हैं। दलिया मैग्नीशियम और कैल्शियम का बहुत अच्छा स्त्रोत है। रोजाना इसका सेवन करने से बढ़ती उम्र में जोड़ों के दर्द की शिकायत नहीं होती। यह पित्ते की थैली को भी साफ करने का काम करता है। जिससे पित्ते की पथरी से बचाव रहता है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव
ब्रेस्ट कैंसर की बीमारी के मामले भी आजकल आम सुनने को मिल रहे हैं। यह महिलाएं में होने वाली सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। इससे बचने के लिए साबुत अनाज का सेवन फायदेमंद है। शोध में भी यह बात साबित हो चुकी है कि फाइबर से भरपूर दलिया ब्रेस्ट कैंसर की आशंका को कम कर देता है।
डायबिटीज में लाभकारी
मैग्नीशियम से भरपूर दलिया शरीर में लगभग 300 प्रकार के एंजाइम बनाता है। ये एंजाइम इंसुलिन बनाने में बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा ये ब्लड तक ग्लूकोज की जरूरी मात्रा पहुंचाने का भी काम करते हैं। रोजना दलिया खाने से टाइप-2 की बीमारी कंट्रोल हो जाती है।
वजन करे कम
कुछ लोगों का वजन एक्सरसाइज करने के बावजूद भी कम होने का नाम नहीं लेता। कार्बोहाइड्रेट से भरपूर दलिया नाश्ते में खाने से वजन जल्दी ही नियंत्रण में आना शुरू हो जाता है। दलिया खाने से पोषक तत्वों की पूर्ति भी हो जाती है और लंबे समय तक भूख भी महसूस नहीं होती।
खून की कमी दूर
शरीर में आयरन की कमी होने से खून का स्तर भी कम हो जाता है। जिससे कमजोरी और थकावट महसूस होने लगती है। दलिया आयरन का बहुत अच्छा स्त्रोत है। यह खून की मात्रा को बेलेंस करके रखता है। इससे अलावा इससे मेटाबॉलिज्म की बढ़ने लगता है।
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से आजकल हर 5 मे से 2 लोग परेशान हैं। इसे नियंत्रित करना बहुत जरूरी है क्योंकि कोलेस्ट्रॉल की गड़बड़ी दिल के रोग पैदा करने का काम करती है। दलिया में पाए जाने वाले घुलनशील और अघुलनशील फाइबर हाई कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करते हैं। इससे दिल के रोग होने की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है।