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प्राकृतिक आहार को अत्यंत महत्व दिया गया है
#HEALTH : कुपोषण दूर करने के लिए प्राकृतिक आहार को अत्यंत महत्व दिया गया है। वैसे तो कुपोषण को दूर करने के लिए तमाम तरह की ऐलोपैथिक और आयुर्वेदिक दवाइयां मौजूद हैं, लेकिन कुदरती खानपान का मतलब है प्रकृति द्वारा दी गई चीज़ों को उसी तरह खाना, न कि उनमें स्वाद बढ़ाने के लिए बहुत सारे बदलाव और प्रयोग करना।
जाने , जिन्हें अमल कर महिलाएं कुपोषण से रह सकती हैं दूर…
- सहजन की पत्तियों में कैल्शियम, विटामिंस और प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए सहजन का सेवन अत्यंत लाभप्रद है
- हरी सब्जियां, कद्दू, तोरई, खीरा, और करेला, पपीता का सेवन लाभप्रद है।
- घी अत्यंत उपयोगी है। एक छोटी चाय की चम्मच घी का सेवन किया जा सकता है। घी खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं।
- सूखे मेवे, शहद, घृतकुमारी (एलोवेरा) का नियमित सेवन करना भी लाभप्रद है।
- एक लीटर पानी में दो चम्मच जीरा डालें और फिर इसे उबालकर रख लें। इसके बाद इसका सेवन करें।
- पतली खीर, खिचड़ी और सूप, का सेवन भी लाभप्रद है।
- तुलसी के पत्ते उबालकर बनाई गई चाय भी फायदेमंद
- पालक, चुकंदर, बादाम, अंजीर खाना फायदेमंद है।
- राई, सेम और मसूर की दाल में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होता है। ये आहार महिला स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।
- शहद और नींबू का सेवन करना हितकर है।
- घी या दूध के साथ चावल मिलाकर खा सकती हैं।
- आंवले से बने पदार्थ जैसे मुरब्बा, जूस, और च्यवनप्राश लेना भी लाभप्रद है।
- दूध,नारियल पानी और फलों के रस का नियमित सेवन करें।
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