#HEALTH : सर्दी में गर्म हीटर सर्द मौसम में सर्द हवाओं के असर को कम करते हैं। सर्द मौसम में ठंड से बचने के लिए हम अक्सर बुजुर्गों के कमरे में लंबे समय तक रूम हीटर (Room Heater) लगा देते हैं, जिससे उनपर सर्दी का असर कम हो। अधिकांश हीटरों के अंदर लाल-गर्म धातु की रॉड या सिरेमिक कोर होते हैं जिससे हवा गर्म होकर निकलती है। इस दौरान जलती हुई गर्म धातु हवा में मौजूद पानी को सोख लेती है, और कमरे का तापमान बढ़ जाता है।
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इन हीटरों से निकलने वाली हवा गर्म और बेहद रूखी होती है जिससे स्किन रूखी और बेजान हो जाती है। इसके इस्तेमाल से घर की हवा में मौजूद ऑक्सीजन जल जाती है। इससे कमरे में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जो कई बार जानलेवा भी हो सकती है।
आइए जानते हैं किस तरह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
हवा में नमी की मात्रा को कम करता है
हीटर या ब्लोअर के माध्यम से जो हवा बाहर निकलती है, वह कमरे के अंदर हवा में मौजूद प्राकृतिक नमी को सोख लेती है। यह शुष्क हवा और नमी रहित हवा, आपकी त्वचा में सूखापन और खुरदुरापन लाती है। यदि आपकी स्किन संवेदनशील है, तो इससे खुजली और लाल निशान हो सकते है या इसकी वजह से संक्रमण हो सकता है। यदि आप अपने बच्चे के कमरे में हीटर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो बच्चे की स्किन और नाक के मार्ग को नुकसान पहुंचा सकता है। शिशुओं की स्किन में हीटर की वजह से चकत्ते पड़ सकते है और नाक बह सकती है।
घर में जहरीली गैसों का स्तर बढ़ा सकता है
नार्मल हीटर (Heater) घर में कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे प्रदूषकों को छोड़ते हैं, जिससे शिशुओं के मस्तिष्क और अंगों को नुकसान पहुंचता है। कमरे में लगातार हीटर का इस्तेमाल बच्चों के साथ ही वयस्कों के स्वस्थ्य के लिए भी हानिकारक है। यह अस्थमा के रोगियों के लिए खतरा है जो और कई तरह के सांस के रोगों को जन्म देता है।
दुर्घटना का कारण बन सकता है हीटर
लोहे का हीटर लंबे समय तक चलने से उसकी बाहरी सतह गर्म हो जाती है जिससे अचानक से हाथ जलने का खतरा हो सकता है। बच्चों और बुजुर्गों को ये जलन काफी परेशान कर सकती है। इसके अलावा, अपने लेंस या चश्मे को हीटर के पास रखने से बचें क्योंकि इससे उनकी आणविक संरचना में बदलाव आ सकता है और जब आप बाद में उनका उपयोग करते हैं तो उससे कॉर्नियल टिशू जल सकते हैं या क्षतिग्रस्त हो सकते हैं।
हो सकती हैं स्वास्थ्य समस्याए
जिस कमरे में आप हीटर का इस्तेमाल कर रहे हैं वहां आक्सीजन (Oxygen) का स्तर कम होने से सुस्ती, जी मिचलाना और सिरदर्द जैसी समस्याएं आ सकती हैं। इन हीटरों से ऐसे रसायन निकलते हैं, जो श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। रूम के अंदर कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर बढ़ जाता है, व आपको घुटन हो सकती है। ऐसे रोगियों के फेफड़ों में बलगम जमा हो जाता है, जिसके कारण खांसी और छींक आती है।
हीटर का इस्तेमाल करते समय बरते सावधानी
- हीटर का उपयोग करते समय अपने कमरे के कोने में पानी का कटोरा रखें। यह वाष्पीकरण की तरह काम करेगा और हवा में नमी के स्तर को ध्यान में रखेगा।
- हीटर को हमेशा उचित तापमान पर सेट करें ताकि आपका कमरा ज्यादा गर्म न हो।
- साल में दो बार आपके हीटर की सर्विस कराएं। सर्विस करने से आपको यह अंदाजा रहेगा कि हीटर की ट्यूब, कॉइल और बैंड अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। अगर ये चीजें खराब रहेंगी तो कमरे में अधिक कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करेंगी।
- हीटर का इस्तेमाल करते समय कमरे के दरवाजे और खिड़किया खोल कर रखें। इस तरह आप प्रदूषक से छुटकारा पा सकते हैं और स्वाभाविक रूप से कमरे को साफ कर सकते हैं।
- सर्दियों की ठंड से बचना है तो गर्म कपड़े पहने हीटर पर निर्भर नहीं रहें। गर्म कपड़े आपके शरीर को मौसम के अनुसार समायोजित करने और आपकी प्रतिरोधक क्षमता के अनुसार काम करने में मदद करेंगे, जिससे आप सर्दी और फ्लू जैसी मौसमी बीमारियों से बच सकते है।
- रूम-हीटर बुजुर्गों और शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।