जागरूकता के अभाव में एपलेप्सी (epileptic attack) के दौरे को लेकर लोगों के बीच कई तरह की भ्रामक धारणाएं प्रचलित हैं, जो मरीज़ के लिए बहुत नुकसानदेह साबित होती हैं। अगर किसी व्यक्ति के साथ ऐसी समस्या हो तो उसके करीबी लोगों को इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए जिससे स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर रूप न ले सके।
#KANPURNEWS : नर्वल में बच्चे से हैवानियत, पुलिस अफसरों की भी रूह कांप उठी #KANPURNEWS : भाटिया साड़ी सेंटर के चोरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार #KANPUR महाराजपुर विधानसभा : महाना की साख को तोड पाएंगे फतेह गिल और कनिष्क पाण्डेय
अगर आपके सामने कोई व्यक्ति अचेत होकर गिर जाए तो अपना धैर्य बनाए रखें और उसके पास भीड़ जमा न होने दें। पूरी तत्परता के साथ उसके आसपास से वैसी सभी चीज़ें हटा दें, जिससे मरीज़ को चोट लग सकती है।
ऐसे दौरे में जबरन मरीज़ का मुंह खोलकर उसमें पानी या चम्मच जैसी चीज़ें डालने की कोशिश न करें।
यह धारणा बिलकुल गलत है कि प्याज, जूता या कोई भी तीव्र गंध सूंघाने से मरीज़ को होश आ जाता है। इसलिए ऐसी कोई कोशिश न करें।
VIDHAN SABHA ELECTION 2022: वोट किसी और ने दिया तो भी कर सकेंगे वोटिंग #KANPUR : डीएम ने बैलून उड़ाकर वोटर्स से कहा, घर से बाहर निकलकर करें वोट #KANPURNEWS : घर के बाहर बैठी महिला को कार ने रौंदा, मौत
यह बात हमेशा याद रखें कि किसी भी प्राथमिक उपचार द्वारा ऐसे दौरे को रोका नहीं जा सकता। इसलिए अगर मरीज़ बेहोश हो जाए तो एक जगह से उठाकर दूसरी जगह ले जाने, उस पर पानी डालने या शरीर को झकझोर कर उसे होश में लाने कोशिश न करें। गिरने की वजह कई बार मरीज़ के दांत टूट जाते हैं या उसके मुंह में मौज़ूद सलाइवा झाग के रूप में बाहर निकलने लगता है। मरीज़ को ज्य़ादा हिलाने से ये चीज़ें उसके फेफड़े में जा सकती हैं, जो नुकसानदेह साबित हो सकती हैं।
सबसे सुरक्षित तरीका यह है कि अचेत व्यक्ति को हलका सा सहारा देते हुए करवट के बल लिटा दें, ताकि उसके मुंह में जमा होने वाला झाग फेफड़े में जाने के बजाय बाहर निकल जाए।
#GORAKHPUR : कांग्रेस का टिकट चेतना पांडेय को देने से नाराज कांग्रेसियों ने दिया सामूहिक इस्तीफा #HIGHCOURT : चुनाव में क्यों हो रहा प्लॉस्टिक का इस्तेमाल
उसके गले के आसपास के कपड़ों को ढीला कर दें।
अगर 10-15 मिनट के अंदर मरीज़ को होश आ जाए तो मरीज़ को तत्काल डॉक्टर के पास ले जाने आवश्यकता नहीं होती, लेकिन अगर बेहोशी इससे ज्य़ादा देर तक रहे तो उसे किसी ऐसे नज़दीकी अस्पताल में ले जाएं जहां न्यूरोलॉजी के उपचार की सुविधा उपलब्ध हो।
वोटर कार्ड नहीं है फिर भी डाल सकते हैं वोट जानें, मां लक्ष्मी की उत्पत्ति से जुड़ी कथा