RAHUL PANDEY
सपा विधायक इरफान सोलंकी और शौकत अली के अलग अलग मुकदमों पर जिला जज कोर्ट में गुरूवार को सुनवाई हुई। रंगदारी मामले में दी गई अग्रिम जमानत की याचिका बचाव पक्ष ने वापस ले लिया। वहीं दूसरे मामले में पुलिस के अब तक कोई रिपोर्ट न सौंपने के चलते कोई सुनवाई नहीं हो सकी। शौकत अली मामले में गलत शपथ पत्र रिपोर्ट दी गई थी। सहायक शासकीय अधिवक्ता रविंद्र अवस्थी ने बताया कि जिला जज ने दोनों मामलों की तारीख 12 जनवरी नियत की है। KANPUR IRFAN SOLANKI CASE
रंगदारी का मुकदमा अकील अहमद खान ने तो जमीन कब्जाने का मुकदमा मो. नसीम आरिफ ने दर्ज कराया था। दोनों ही मुकदमों में इरफान व रिजवान की ओर से अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने जिला जज की अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिन पर गुरुवार को सुनवाई होनी थी। अकील खान के मुकदमे में पुलिस ने बुधवार को दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत (ज्यूडीशियल कस्टडी रिमांड) में भेजने का आदेश कोर्ट से ले लिया था और दोनों की जमानत अर्जियां भी निचली अदालत से खारिज हो गई थीं।
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सहायक शासकीय अधिवक्ता रविंद्र अवस्थी ने बताया कि रंगदारी मामले में एसीएमएम तृतीय की कोर्ट ने इरफान और रिजवान को रिमांड पर भेजने का आदेश देते हुए अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी। इसके चलते गौरव दीक्षित ने दोनों की अग्रिम जमानत अर्जिया पर बल न देते हुए खारिज करने की मांग की और कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।
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पुलिस ने रिपोर्ट नहीं भेजी
जबकि जमीन पर कब्जे के प्रकरण में भी विधायक और उनके भाई की ओर से दिए गए अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पर पुलिस ने रिपोर्ट नहीं भेजी। पुलिस ने इस मामले में विधायक का रिमांड नहीं लिया है। एडीजीसी रवींद्र अवस्थी ने तर्क रखा कि पुलिस की रिपोर्ट में अब तक किसी का रिमांड न लेने और गिरफ्तारी न करने की बात कही गई है लेकिन केस डायरी अब तक नहीं आ सकी है। इस पर कोर्ट ने 12 जनवरी की तारीख नियत कर दी।
अपराध संख्या सही नहीं लिखी
वहीं शौकत की जमानत अर्जी पर आई पुलिस रिपोर्ट में कहा गया कि जमानत प्रार्थना पत्र में अपराध संख्या सही नहीं लिखी है और साथ में दाखिल शपथपत्र में शपथकर्ता के हस्ताक्षर भी नहीं है। ऐसे में रिपोर्ट देना संभव नहीं है। इस पर कोर्ट ने इस मामले में भी अगली सुनवाई के लिए 12 जनवरी की तारीख नियत कर दी है।
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