हाईकोर्ट (High Court) में ऑनलाइन सुनवाई से पक्षकारों को तो जरूर सहूलियत हुई लेकिन कुछेक मामलों में वकीलों के व्यवहार से जज साहब असहज भी हुए। इलाहबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में ऑनलाइन सुनवाई के दौरान एक मामले की कीसुनवाई से इंकार कर दिया क्योंकि वकील साहब स्कूटर पर सवार होकर कोर्ट के सामने पेश हो गए थे। हाईकोर्ट (High Court) ने यह भी कहा है कि ऐसी गलती दोहराई गई तो सख्त फैसला लिया जाएगा। कुछ दिन पहले एक वकील साहब बहस के दौरान पीकदान में थूकते दिखे थे। इस पर भी कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी।
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हाईकोर्ट ने कहा-ऐसी गलती दोबारा न हो
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता और जस्टिस सैयद आफताब हुसैन रिजवी की युगल खंडपीठ खुशबू सिंह के मामले की सुनवाई कर रही थी। इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिंग से याची के अधिवक्ता अमर सिंह कश्यप स्कूटर पर बैठे-बैठे न्यायालय को एड्रेस करने लगे। इस पर कोर्ट ने उन्हें सुनने से मना कर दिया और मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई 2021 को मुकर्रर कर दी। कोर्ट ने सख्त लहजे में वकील को चेतावनी भी दी कि ऐसा दोबारा न हो।
वर्चुअल सुनवाई के दौरान यह पहला मामला नहीं है। इस तरह की और भी कई घटनाएं हुई हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां अदालत ने वकीलों की पोशाक और ड्रेस पर आपत्ति जताई है। अदालत को संबोधित करते हुए वकीलों के बैठने की जगह पर भी अदालतों ने आपत्ति जताई है।
बार बार थूकने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी
ऑनलाइन सुनवाई के दौरान कई बार इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज को असहज होना पड़ा। पिछले सप्ताह सुनवाई के दौरान एक वकील साहब बार बार कोर्ट के सामने पीकदान में थूक रहे थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग में सुनवाई जारी थी। इस पर भी कोर्ट (Court) ने सख्त नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट (Court) ने कहा था कि ये हमारी मजबूरी है कि हम ऑनलाइन मोड में मुकदमों की सुनवाई कर रहे हैं पर इसका मतलब यह नहीं है कि आप घर में चाहे जैसे हों और कोर्ट के सामने आ जाएंगे। आप नोबल प्रोफेशन में हैं। इसकी एक गरिमा है। डेकोरम को मेनटेन रखना चाहिए।
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जब वकील साहब बनियान में ही कोर्ट के सामने पेश हो गए…
इलाहाबाद हाईकोर्ट एक मामले की सुनवाई कर रहा था। पिछले दिनों वकील साहब का जब बहस का नंबर आया और उनके वापस वीडियो कांफ्रेंसिंग की कॉल आई तो वो बनियान में ही कोर्ट के सामने पेश हो गए। इसपर डबल बेंच ने कड़ी फटकार लगाई और कहा आगे से ऐसा न हो वर्ना भारी जुर्माना लगेगा। वकील साहब माफी मांगने लगे।
कोर्ट ने कहा-डेकोरम मेनटेन करें
कर्नाटक हाईकोर्ट भी कोरोना (corona) काल में पिछले वर्ष अक्टूबर में हो रही सुनवाई में एक वकील को फटकार लगाई थी। चीफ जस्टिस अभय ओका और जस्टिस अशोक एस किन्गी की खंडपीठ ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि हालांकि असाधारण कारणों से हम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुनवाई के माध्यम से मामलों को सुनने के लिए मजबूर हैं। हम आशा करते हैं कि एडवोकेट्स और बार के सदस्य कोर्ट का डेकोरम बनाए रखेंगे। बेंच ने मौखिक रूप से कहा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुनवाई में कुछ मानदंड भी हैं। आप कार में बैठकर अदालत को संबोधित नहीं कर सकते।
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