सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) के जज के सुनवाई के दौरान दिए 2 विवादित बयानों पर एक्शन लिया है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद की टिप्पणियों पर कर्नाटक हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को 2 हफ्ते में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
Supreme Court YouTube Channel Hack
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 5 जजों की बेंच ने शुक्रवार को कहा कि संवैधानिक कोर्ट में जजों के कमेंट को लेकर सख्त गाइडलाइन बनाए जाने की जरूरत है. Supreme Court की बेंच ने कहा कि social media कोर्ट रूम की कार्यवाही को मॉनिटर कर रही है. ऐसे में हमें कोर्ट ऑफ लॉ में कोई भी कमेंट करते समय शालीनता बनाए रखना होगा. इस बेंच में जस्टिस एस खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एस कांत और जस्टिस एच रॉय शामिल हैं.
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महिला वकील पर भी आपत्तिजनक कमेंट किया था
जस्टिस श्रीशानंद (Judge Vedavyasachar Srishananda) के दो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। एक वीडियो में वे पश्चिमी बेंगलुरु के एक मुस्लिम इलाके को पाकिस्तान कहते दिखे। दूसरे वीडियो में वे एक महिला वकील को फटकार लगाते नजर आ रहे हैं। जस्टिस श्रीशानंद ने महिला वकील से कहा कि वह दूसरे पक्ष के बारे में बहुत कुछ जानती हैं। हो सकता है अगली बार वे उसके अंडरगारमेंट का रंग भी बता दें।
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CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस वेदव्यासचार श्रीशानंद के कमेंट चर्चा में हैं. उनके वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे हैं. अदालत में जजों की ओर से किए जाने वाले कमेंट पर दिशा-निर्देशों की जरूरत है. इस बारे में कर्नाटक हाईकोर्ट 2 दिन के अंदर रिपोर्ट फाइल करे.” इस मामले की अगली सुनवाई अब बुधवार (25 सितंबर) को होगी.
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लाइव स्ट्रीमिंग रिकॉर्ड करने के लिए परमिशन जरूरी
YOUTUBE चैनल से वीडियो क्लिप वायरल होने के एक दिन बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपनी अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू करने से आधा घंटे पहले एक डिस्क्लेमर दिया। इसमें बिना परमिशन वीडियो रिकॉर्ड करने पर रोक लगा दी गई है।
आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के गलत इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी है। डिस्क्लेमर में कहा गया है कि कोई भी कार्यवाही की रिकॉर्डिंग नहीं करेगा।
मैसेज में कहा गया है- कोई भी व्यक्ति, संस्था, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लाइव-स्ट्रीम की गई कार्यवाही को रिकॉर्ड, शेयर या पब्लिश नहीं करेगा। इसके लिए पहले से परमिशन लेनी होगी।