इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कहा है कि यदि आरोप निराधार हो तो मजिस्ट्रेट को किसी भी समय आरोपी को आरोप मुक्त करने का आदेश देने का अधिकार है। कोर्ट (COURT) ने न्यायिक मजिस्ट्रेट झांसी (Jhansi) के आरोप मुक्त करने की अर्जी निरस्त करने के आदेश को रद्द कर दिया है, साथ ही नए सिरे से विचार कर आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।
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न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने मेडिकल कॉलेज झांसी (Jhansi) के कार्यालय अधीक्षक ब्रजनंदन शर्मा की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि शिकायतकर्ता महिला कर्मी ने सह अभियुक्तों पर मारपीट, धमकी देने व उपस्थिति रजिस्टर व वार्षिक पुस्तिका से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। याची पर शह देने और षड्यंत्र करने का आरोप है। इसका कोई साक्ष्य नहीं है, उसे गलत फंसाया गया है। हाईकोर्ट (High Court) के निर्देश पर याची ने आरोप मुक्त करने की अर्जी दी थी। कोर्ट (COURT) ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने कानूनी पहलुओं पर विचार नहीं किया और अर्जी निरस्त कर दी।
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