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Arti Pandey
Chandigarh
शहर के मजिस्ट्रेट खुद को किंग समझते हैं या बादशाह अकबर जो हाई कोर्ट के नोटिस का जवाब नहीं दे सकते शहर के अफसरों के ऐसे रवैये से शहरवासियों को प्रताड़ित होने नहीं दिया जा सकता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस कृष्णा मुरारी एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने यह टिपण्णी सेक्टर-42 में एक पटाखों की दुकान को सील किये जाने के मामले में जारी नोटिस का जवाब नहीं दिए जाने पर की है
चीफ जस्टिस ने कहा कि एस.डी.एम. पहले तो दुकानदार के पास लाइसेंस होने के बावजूद उसकी दुकान सील कर देते हैं और फिर मामले में हाई कोर्ट के नोटिस का जवाब तक नहीं देते अधिकारी खुद को किंग समझते हैं या बादशाह अकबर लिहाजा हाई कोर्ट ने मामले में प्रशासन को हाई कोर्ट के इस नोटिस का जवाब देने के लिए एक अंतिम अवसर देते हुए सुनवाई 7 फरवरी तक स्थगित कर दी है बता दें कि सेक्टर-42 में एक पटाखों की दुकान लाइसेंस होने के बावजूद भी बिना नोटिस के सील किये जाने के एस.डी.एम. के आदेशों के खिलाफ दुकानदार संजीव शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी 2 नवंबर को चीफ जस्टिस ने चंडीगढ़ प्रशासन को कड़ी फटकार लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया था और साथ ही अगले आदेशों तक दुकान को सील किये जाने के आदेशों पर रोक लगाते हुए सील हटाए जाने के आदेश भी दे दिए थे।
तब भी चीफ जस्टिस ने बिना नोटिस दे दुकान को सील करने पर टिपण्णी करते हुए कहा था कि कल तो यह अधिकारी उनका घर भी सील कर देंगे सेक्टर-42 के एक करियाना की दुकान चलाने वाले दुकानदार संजीव कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि उसने एक्सप्लोजिव सेफ्टी ऑगेर्नाईजेशन से पटाखों का लाईसेंस लिया हुआ है। लेकिन 23 अक्तूबर को अचानक उसकी दुकान पर एस.डी.एम. (साऊथ) पहुंचे और उन्होंने सारे पटाखों को कब्जे में लिए जाने के आदेश दे दिए। याचिकाकर्ता ने उन्हें अपना लाइसेंस दिखाया, जिसे उन्होंने देखने से इंकार कर दिया और उनकी दुकान का हिस्सा सील कर दिया गया।
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