RAHUL PANDEY
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) ने बाल विवाह के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए सरकार से शिकायतों का ब्यौरा मांगा तो पंजाब के मुकाबले हरियाणा में हालात बदतर निकले। पंजाब (PUNJAB NEWS) में इस वर्ष जहां 17 शिकायतें मिली वहीं हरियाणा में आंकड़ा इससे कहीं अधिक मिला। सरकार बाल विवाह पर लगाम के दावे कर रही है, जबकि इस साल इसकी 104 शिकायतें दर्ज हुई हैं।
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सुनवाई के दौरान पंजाब ने हलफनामा दायर कर बताया कि बाल विवाह की 17 शिकायतें आईं, जिसमें 16 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई। साथ ही अधिक सतर्कता के लिए सभी पुलिस अधिकारियों को बाल-विवाह निषेध अधिनियम का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि उन्हें मिली 104 शिकायतों में से 39 में एफआईआर दर्ज की गई।
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जांच के दौरान जिन मामलों में शादी नहीं हुई थी या उम्र शादी के योग्य पाई गई, उसमें FIR दर्ज नहीं की गई। कोर्ट को बताया गया कि बाल-विवाह निषेध अधिनियम को पुलिस ट्रेनिंग में शामिल किया गया है। चंडीगढ़ प्रशासन ने बताया कि शहर में बाल विवाह का केवल एक मामला दर्ज हुआ है।
यह था मामला
प्रेमी जोड़े ने एडवोकेट सुरमीत सिंह संधू के माध्यम से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। युवती की आयु 18 वर्ष से कम थी, बावजूद इसके वह अपने प्रेमी के संग रहने की मांग कर रही थी। हाईकोर्ट ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि कड़ा कानून होते हुए भी क्यों ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ से ऐसे मामलों की संख्या बताने को कहा था।