#Chandigarh : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह स्पष्ट किया कि पूर्व में यदि नियमों के खिलाफ जाकर कोई कार्य किया गया हो तो उसे आधार बनाकर ऐसी ही मांग याची अपने लिए नहीं कर सकता है। हाईकोर्ट (High Court)ने कहा कि अदालत नियमों के खिलाफ जाकर कार्य करने का आदेश नहीं दे सकती है।
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याचिका दाखिल करते हुए अमनदीप शर्मा ने बताया था कि पंजाब सरकार ने 27 नवंबर, 2020 को कानून अधिकारियों के पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। विज्ञापन के तहत आवेदन की अधिकतम आयु 37 वर्ष रखी गई थी। याची ने कहा कि अधिकतम आयु 37 वर्ष रखना नियमों के खिलाफ है। इससे पूर्व में निकाली गई कानून अधिकारियों की भर्ती में अधिकतम आयु 44 वर्ष रखी गई थी। ऐसे में पूर्व की भर्ती के अनुरूप आवेदक की अधिकतम आयु को बढ़ाया जाए। हाईकोर्ट (High Court) ने कहा कि सीधी भर्ती के नियम के अनुसार आवेदक की अधिकतम आयु 37 वर्ष ही हो सकती है। यह नियम केवल याची के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए है। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि पूर्व में नियम के खिलाफ जाकर अधिकतम आयु बढ़ाई गई थी तो इसे आधार बनाकर अवैध तरीके से अब आवेदक की अधिकतम आयु को बढ़ाने का आदेश जारी करने की मांग नहीं की जा सकती है।
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