AARTI PANDEY
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रभाव को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने चिंता जताई है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया है कि विधानसभा चुनाव में कोरोना (Covid-19) की तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए राजनीतिक पार्टियों की चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जाए।
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पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन
जस्टिस शेखर कुमार यादव (Justice Shekhar Kumar Yadav) ने एक मामले में याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कहा, ‘कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन (Omicron) के मरीजों की संख्या बढ़ रही है और तीसरी लहर आने की आशंका है. इस भयावह महामारी को देखते हुए चीन, नीदरलैंड, जर्मनी जैसे देशों ने पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन लगा दिया है.’
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कोविड प्रोटाकॉल का पालन किसी रूप में संभव नहीं
कोर्ट ने कहा, ‘दूसरी लहर में हमने देखा कि लाखों की संख्या में लोग संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई. ग्राम पंचायत और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की वजह से बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए और उनकी मौत हुई. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक है जिसके लिए सभी पार्टियां रैली और जनसभाएं करके लाखों लोगों की भीड़ जुटा रही हैं जहां कोविड प्रोटाकॉल का पालन किसी रूप में संभव नहीं है.’
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दूसरी लहर से भयावह हो सकती है स्थिति: इलाहाबाद हाई कोर्ट
जस्टिस शेखर कुमार यादव ने कहा कि अगर इसे समय रहते नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे. अदालत ने निर्वाचन आयुक्त से इस प्रकार की रैलियों, सभाओं पर तत्काल रोक लगाने और राजनीतिक दलों को चैनल और समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार करने का आदेश देने का अनुरोध किया.
कोर्ट (court) ने कहा कि अगर संभव हो सके तो फरवरी में होने वाले चुनावों को एक-दो महीने के लिए टाल दिया जाए क्योंकि जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां, सभाएं आगे भी होती रहेंगी और जीवन का अधिकार हमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में मौलिक अधिकार के रूप में मिला हुआ है.
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‘जान है तो जहान है’
कोर्ट ने कोविड टीकाकरण (Vaccination) अभियान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की सराहना करते हुए उनसे अनुरोध किया कि भयावह महामारी की स्थिति को देखते हुए कड़े कदम उठाएं और रैलियां, सभाएं रोकने एवं आसन्न चुनावों को टालने पर विचार करें क्योंकि ‘जान है तो जहान है.’ कोर्ट ने संजय यादव नाम के एक शख्स की जमानत याचिका मंजूर करते हुए ये बातें कहीं हैं.
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