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स्थानीय खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग यह सुनिश्चित करे
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित छह जिलों में मास्क पहनने के नियम को अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए कड़ी निगरानी करने का निर्देश दिया है। कोरोना संक्रमण से निपटने की सरकार की तैयारियों की निगरानी कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने कहा कि भीड़ भाड़ वाले इलाके में निगरानी और मास्क पहनने की अनिवार्यता का अभियान कम से तीस दिनों तक और चलाया जाए। कोर्ट (COURT) ने कहा कि स्थानीय खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग यह सुनिश्चित करे कि खाने की चीजें सिर्फ पैकिंग में ही बेची जाएं। खुले में कोई खाने का सामान न बेचने पाए। यह नियम अगले छह सप्ताह तक और जारी रहेगा। इस पर कोर्ट ने अगली सुनवाई तीन दिसंबर को रिपोर्ट मांगी है।
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कोर्ट (COURT) ने अगली सुनवाई पर सर्विलांस की रिपोर्ट पेश करने का अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को निर्देश दिया है। एडवोकेट कमिश्नर ने जानकारी दी कि सडक के किनारे खाने-पीने की दुकान लगाने वाले खुले में सामान न बेचने के नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।
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ड्रोन कैमरों से चौबीसों घंटे निगरानी
प्रयागराज और कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर और गौतमबुद्ध नगर में भी इसी प्रकार का अभियान चलाया जाए और उपलब्ध ड्रोन कैमरों से चौबीसों घंटे निगरानी की जाए। कोर्ट के आदेश पर उपस्थित हुए एसएसपी प्रयागराज ने बताया कि सतत निगरानी के लिए चार-चार कांस्टेबलों की टीम बनाई गई है। कोर्ट ने कहा है कि इन जिलों में सप्ताह के सातों दिन चौबीसो घंटे ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाए। खाने-पीने के सामान खुले न बेचने का आदेश अगले छह सप्ताह तक और लागू रहेगा। अदालत ने कम से कम अगले तीस दिनों तक सघन निगरानी करने का निर्देश दिया है।
कम से कम चार घंटे की निगरानी रिपोर्ट
एसएसपी ने जिले के अन्य अधिकारियों को भी अपने-अपने क्षेत्र में कम से कम चार घंटे की निगरानी रिपोर्ट प्रतिदिन संबंधित थाना प्रभारी को सौपने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सभी एडवोकेट कमिश्नर से कहा है कि कांस्टेबलों की जो सूची एसएसपी द्वारा दी गई उस पर लिखे मोबाइल नंबरों के जरिए वह उनकी निगरानी करें। अथवा किसी अन्य तरीके से भी निगरानी कर सकते हैं।
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