#PunjabandHaryanaHighCourt का बड़ा फैसला, कहा…
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने नॉमिनी (नामित) के मामले पर बड़ा फैसला दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि नॉमिनी होने का मतलब यह नहीं है कि आपको नॉमिनी बनाने वाले के सभी लाभ मिल जाएं।
हाई कोर्ट ने नॉमिनी होने के नाते एक मां द्वारा अपने मृतक पुत्र की फैमली पेंशन की मांग को खारिज करते कर दिया। कोर्ट ने कहा केवल नॉमिनी होने से कोई हकदार नहीं हो सकता।
नॉमिनी मां ने मृतक पुत्र की फैमली पेंशन को लेकर हाई कोर्ट से लगाई थी गुहार
कुरुक्षेत्र निवासी महिला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि वह उसके पुत्र द्वारा अपनी नॉमिनी बनाई गई थी। उसका पुत्र सरकारी नौकरी में था। इस लिए नॉमिनी होने के नाते वह मासिक फैमली पेंशन के एक तिहाई हिस्से की हकदार है।
हाई कोर्ट मां की मांग खारिज करते हुए मृतक की पत्नी को लाभ देने का दिया आदेश
मामले की सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि वह बेटे की पत्नी है और उसकी चार साल की बेटी भी है। उनकी आय का कोई और साधन नहीं है। इस लिए फैमली पेंशन पर उसका हक है। बेंच ने पंजाब सर्विस रूल्स का हवाला देकर कहा कि अगर माता पिता अपने पुत्र पर आश्रित हैं और पुत्र का माता पिता के अलावा कोई नहीं है।
पत्नी व पुत्री है
कोर्ट ने कहा कि माता पिता की मासिक आय 2550 से कम है तो वह फैमली पेंशन की हकदार हैं, लेकिन इस मामले में मां की तरफ से कोर्ट में अपनी आय का ऐसा कोई प्रमाण पत्र पेश नहीं किया गया। इससे यह साबित हो कि उनकी मासिक आय 2550 रुपये से कम है, इससे साबित होता है कि आय ज्यादा होगी। दूसरा, युवक की पत्नी व पुत्री है। मृत बेटे की जीवन बीमा पालिसी सारी राशि मां को नामित होने के नाते मिल गई है और अभी पत्नी ने इसमें हिस्से के लिए सिविल केस दायर किया हुआ है।
मृतक की पत्नी को देने का आदेश
बेंच ने कहा कि केवल नॉमिनी होने का मतलब यह नही कि नॉमिनी करने वाले के सारे लाभ नॉमिनी को दिए जा सके। हाई कोर्ट ने महिला की याचिका खारिज करते हुए अपने फैमली पेंशन के एक तिहाई हिस्से पर लगी रोक को हटाते हुए उसे भी मृतक की पत्नी को देने का आदेश जारी किया।