RAHUL PANDEY
पूर्व में विवाहित प्रेमी जोड़े की सुरक्षा से जुड़ी मांग खारिज करते हुए हाईकोर्ट (highcourt) ने यह स्पष्ट कर दिया कि लड़की ने अपने पति से तलाक (Divorce) नहीं लिया है इसलिए यह निकाह अवैध है। मुस्लिम कानून के अनुसार केवल लड़के को ही बिना तलाक दूसरे निकाह का अधिकार है लड़की को नहीं।
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मेवात के एक मुस्लिम प्रेमी जोड़े ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई थी। प्रेमी जोड़े ने हाईकोर्ट (highcourt) को बताया कि दोनों पहले से ही विवाहित हैं लेकिन वह अपने पूर्व के साथियों के साथ नहीं रहना चाहते। उनसे अलग होकर दोनों ने निकाह कर लिया है और अब दोनों के घर वाले उनकी जान के दुश्मन बने हैं।
याची के वकील ने कहा कि जोड़ा मुस्लिम है और ऐसे में बिना तलाक लिए दूसरा निकाह कर सकते हैं। हाईकोर्ट (highcourt) ने इस दलील पर असहमति जताते हुए कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत और मुस्लिम विवाह अधिनियम 1939 के अनुसार केवल पुरुष को ही बिना तलाक दूसरे निकाह का अधिकार है।
महिला के मामले में उसे दूसरे निकाह से पूर्व अनिवार्य रूप से अपने पहले पति से तलाक (Divorce) लेना पड़ेगा। इस मामले में महिला ने अपने पहले पति से तलाक नहीं लिया है तो कैसे उन्हें जोड़ा मानकर सुरक्षा का आदेश जारी किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को छूट है कि वह अपनी जान की सुरक्षा के लिए एसपी से संपर्क करें। एसपी नागरिकों की जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बाध्य हैं।
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