RAHUL PANDEY
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Highcourt) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Legislative Assembly election, 2022) में प्रचार के दौरान धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रही प्लॉस्टिक की सामग्री को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने गाजियाबाद निवासी आकाश वशिष्ठ की याचिका पर सुनवाई की।
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कोर्ट (court)ने निर्वाचन आयोग, यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और यूपी सरकार से जवाब-तलब किया है। कोर्ट ने सभी विपक्षी पक्षों से तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।
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यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति डॉ. वाईके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर मामला है। इसकी प्रासंगिकता विधानसभा चुनाव तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसके बाद भी इसके उपयोग पर नियंत्रण जरूरी है।
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याचिका में कहा गया है कि यूपी में चुनाव के दौरान प्लास्टिक से बने बैनर, पोस्टर्स, होर्डिंग्स, फ्लैक्स आदि का इस्तेमाल किया जा रहा है। बाद में इसे सड़कों और खुले स्थान पर फेंक दिया जाता है। इसका इस्तेमाल प्लास्टिक वेस्ट रूल्स, सॉलिड वेस्ट रूल्स और इन्वायर्नमेंट प्रोटेक्शन एक्ट 1986 का उल्लंघन है।
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