सिर से उखाड़े हुए थे बाल
संत योगेश्वर सतलुज दरिया के किनारे अपने आश्रम में पिछले लगभग 40 वर्षों से रहते थे और दरिया किनारे पूजा-पाठ करते थे। महात्मा योगेश्वर 20 वर्ष की आयु में ही संन्यासी हो गए थे।
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सतलुज दरिया के हेड वर्क्स पुल के नजदीक ऋषि मुनि दिश्म आश्रम के संत की हत्या कर दी गई है। शव से दुर्गंध आ रही थी। आश्रम का सारा सामान भी बिखरा हुआ मिला। यहां तक कि संत के सिर के बाल भी सिर से उखाड़े हुए थे, जिससे लग रहा है कि कत्ल बड़ी बेरहमी के साथ किया गया था।
सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। फोरेंसिक टीम से जांच करवाई जा रही है। विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना बाल ठाकरे सहित अन्य हिंदू संगठनों ने संत के कत्ल की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
वह हिमाचल के जिला मंडी सरकाघाट के निवासी थे। रविवार की सुबह संत का एक भक्त आश्रम में उन्हें भोजन देने के लिए गया।
उसने वहां देखा कि आश्रम का मुख्य द्वार टूटा है और संत कमरे में मृत हालत में पड़े थे। इसकी सूचना उनके भाई दिनेश कौशल को दी गई। उन्होंने इस संबंधी थाना काठगढ़ पुलिस (नवांशहर) को शिकायत की। पुलिस थाना काठगढ़ के एसएचओ परमिंदर सिंह ने बताया कि मौका देखने से पता लगता है कि संत का कत्ल कुछ दिन पहले हो चुका था। शव की हालत भी काफी खराब थी।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कत्ल की जांच के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। टीमों में फोरेंसिक विशेषज्ञ, फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट और अन्य विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि महात्मा योगेश्वर के कत्ल को लेकर अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है , उधर, विश्व हिंदू परिषद के प्रधान सतीश शर्मा, शिवसेना बाल ठाकरे के प्रधान अश्वनी कुमार सहित अन्य संस्थाओं ने मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए।