#Abrasion के कितने दिनों बाद होती है महिला की रिकवरी….
#Abrasion , यानि की गर्भपात में महिला के गर्भ में विकसित भ्रूण का खराब होना होता है। गर्भपात होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं। महिला के शरीर में कमजोरी या यूट्रेस का कमजोर होना भी इसकी वजह हो सकता हैं जबकि कुछ महिलाएं अनचाहे ठहरे गर्भ को हटाने के लिए मेडीकल एबॉर्शन का सहारा लेती हैं, जिसे सर्जिकल गर्भपात कहते हैं। इस प्रकिया में माता के गर्भाश्य से गर्भ और नाल को हटाकर एक अवांछित गर्भावस्था को समाप्त किया जाता है। गर्भपात नैचुरल हो या अनचाहा, महिला के लिए यह मानसिक और शारीरिक दोनों स्तरों में बेहद मुश्किल होता है, जिसके चलते महिला को कई बार रिकवर करने में मुश्किल होती है।
क्या होता है मेडीकल एबॉर्शन…
सर्जिकल गर्भपात, नेचुरल गर्भपात के समान नहीं होता है। प्राकृतिक गर्भपात तब होता है जब 20वें सप्ताह से पहले ही गर्भावस्था अपने आप समाप्त हो जाए जबकि मेडीकल एबॉर्शन में खुद ही भ्रूण को हटाया जाता है।
सर्जिकल गर्भपात के बाद
इस प्रक्रिया के बाद महिला को अपनी विशेष देखभाल करनी पड़ती हैं क्योंकि इसके बाद अधूरे गर्भपात या संक्रमण का खतरा बना रहता है। महिला का शरीर काफी कमजोर हो जाता है। उसे सही खान-पान के साथ आराम की जरूरत होती है।
एबॉर्शन के बाद महिला को बहुत अधिक मात्रा में ब्लीडिंग हो सकती है। यह 15 दिनों या इससे अधिक दिनों तक भी हो सकती है लेकिन अगर ब्लड के थक्के बनने अधिक शुरू हो गए हैं तो डॉक्टर से संपर्क करना अति आवश्यक है।
कितनी देर बाद होती है रिकवरी?
एबॉर्शन के बाद महिला को रिकवर करने में 10 दिन से एक माह तक का समय लग सकता है। यह महिला की स्वास्थ हालात पर निर्भर करता है। महिला अगर शारीरिक रूप से हष्ट-पुष्ट है तो वह 10 दिनों में भी रिकवर कर सकती हैं जबकि कमजोर शरीर वाली महिला को ज्यादा ब्लीडिंग, ऐंठन व पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द की समस्या हो सकती है और 1 माह से ज्यादा का समय लग सकता है।
गर्भपात के दर्द से निजात पाने के लिए
गर्भपात के बाद अचानक दर्द शुरू हो जाता है। कभी-कभी यह दर्द माहवारी के दर्द से भी खतरनाक हो जाता है। ऐसे में दर्द से निजात पाने में गर्म द्रव्यों का सेवन और गर्म पानी के थैले का इस्तेमाल करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है लेकिन यदि इन सबके बावजूद भी दर्द कम नहीं होता तो आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
कैसे करें खुद की देखभाल
- पहले कुछ दिनों में भारी समान या शारीरिक श्रम वाला काम ना करें।
- हरी सब्जियां और दूध, दाल, ड्राई फ्रूट, घी, जरुर लें।
- इंफैक्शन से बचने के लिए 2 से 4 घंटे में सेनिटरी पैड बदलते रहें।
- 2 से 3 सप्ताह इंटरकोर्स ना करें।
- तुरंत गर्भाधारण ना करें।
- एरोबिक या अन्य हैवी एक्सरसाइज ना करें।