इस व्रत के प्रभाव से जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है…
#IndiraEkadashi : आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी (IndiraEkadashi) का व्रत रखते हैं और विधि विधान से पूजा करते हैं। इस वर्ष 13 सितंबर रविवार के दिन इंदिरा एकादशी (IndiraEkadashi) है। इस व्रत (vrat)के प्रभाव से जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। यह पितरों को मोक्ष भी प्रदान करने वाला है।
आइए जानते हैं कि इस वर्ष किस मुहूर्त में किस विधि से इसकी पूजा की जाए…
व्रत एवं पूजा विधि
एकादशी (Ekadashi) तिथि के दिन सुबह स्नान और दैनिक कार्यों से मुक्त होकर स्वच्छ वस्त्र पहनें। फिर भगवान विष्णु (vishnu) के शालिग्राम स्वरूप का ध्यान करके इंदिरा एकादशी व्रत (IndiraEkadashi) एवं पूजा का संकल्प लें। इसके पश्चात शुभ मुहूर्त में पूजा स्थल पर शालिग्राम या भगवान विष्णु की तस्वीर को स्थापित करें। अब गंगाजल, रोली, चंदन, अक्षत्, धूप, दीप, मिठाई आदि अर्पित कर पूजा करें। विष्णु सहस्रनाम और विष्णु सतनाम स्तोत्र का पाठ भी करें।
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इसके बाद इंदिरा एकादशी व्रत की कथा (katha)सुनें। फिर भगवान विष्णु की आरती करें। अंत में अपने पितरों के यमलोक से मुक्ति तथा बैकुण्ठ में श्रीहरि चरणों में स्थान देने के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करें। पितरों के किए गलत कर्मों की क्षमा याचना कर लें। अब पितरों के नाम से श्राद्ध करें तथा ब्राह्मणों को भोजन कराकर दक्षिणा के साथ सहर्ष विदा करें। अगले दिन निर्धारित समय में पारण कर व्रत (vrat) को पूरा करें।
व्रत (vrat) रखने वाले व्यक्ति को भी इस व्रत के प्रभाव से मोक्ष की प्राप्ति होती है। व्रत के दिन फलाहार करें और रात के समय जागरण करें।
मुहूर्त
एकादशी तिथि 12 सितंबर को दोपहर में 03:43 बजे से शुरु हो रही है, जो 13 सितंबर को दोपहर 02:46 बजे तक रहेगी। ऐसे में इंदिरा एकादशी का व्रत 13 सितंबर रविवार को रखा जाएगा। पूजा दोपहर से पूर्व संपन्न कर लें।
पारण समय
व्रत का पारण अगले दिन सोमवार 14 सितंबर को सुबह 06:09 बजे से 08:38 बजे के मध्य कर लेना उचित रहेगा।
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