ARTI PANDEY
NODIA
DME मीडिया स्कूल द्वारा आयोजित विश्व के पहले 10-दिवसीय डिजिटल लाइव अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन-ICAN4 के समापन दिवस पर, 10 जुलाई को एक भव्य समापन समारोह के दौरान प्रमुख शिक्षाविद और मीडियाकर्मी शामिल हुए।
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डॉ सुस्मिता बाला, एसोसिएट संयोजक, ICAN4 ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिभागियों और मीडिया कॉलेज के शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा “पिछले 10 दिनों में चारों or एकमात्र ICAN4 का नाम गूँज रहा था। कल से हम ICAN5 के बारे में सुनेंगे”।
डॉ अंबरीष सक्सेना, संयोजक, ICAN4 ने आगे कहा, “डीएमई मीडिया स्कूल ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ICAN के निष्पादन के लिए दिन-रात काम किया है। मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इस विश्व के पहले 10-दिवसीय डिजिटल लाइव अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया!”
सम्मेलन के अंतिम दिन देश विदेश की जानी मानी हस्तियों ने प्रेरणादायक शब्दों से प्रतिभागियों और आयोजकों का मनोबल बढ़ाया। प्रो. के जी सुरेश, कुलपति, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय, भोपाल, मध्य प्रदेश ने डीएमई मीडिया स्कूल के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा, “मैंने ICAN के चारों संस्करणों में भागीदारी की है और मुझे इस बात की बेहद ख़ुशी है और में खुद को भाग्यशाली मानता हूँ, और इसका श्रेय पूरी तरह से डीएमई मीडिया स्कूल प्रबंधन टीम को जाता है।”
अनुसंधान के विकसित क्षेत्र पर जोर देते हुए, प्रो. उज्जवल के चौधरी, प्रो-वाइस चांसलर (पीआर एंड मीडिया) और डीन, स्कूल ऑफ मीडिया, कम्युनिकेशन एंड फैशन, एडमास यूनिवर्सिटी, कोलकाता ने कहा, “ये सम्मेलन और परस्पर सहयोग शोधकर्ताओं का उत्साहवर्धन करता है और भविष्य में और बेहतर शोध कार्य सुनिश्चित करता है “
डॉ विक्रांत किशोर, पाठ्यक्रम निदेशक- फिल्म, टेलीविजन और एनिमेशन, स्कूल ऑफ कम्युनिकेशंस एंड क्रिएटिव आर्ट्स, फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड एजुकेशन, डीकिन यूनिवर्सिटी ने कहा, “मैं ICAN के अगले संस्करण में अधिक से अधिक छात्रों की भागीदारी देखना चाहता हूँ और यह भागीदारी न सिर्फ शोध के माध्यम से से की जा सकती है अपितु इस आपसी सहयोग को कई तरीके से सार्थक किया जा सकता है ।”
डॉ आरोन एटकिंस, सहायक प्रोफेसर, वेबर स्टेट यूनिवर्सिटी, ओग्डेन, यूटा, यूएसए ने कहा, “ICAN 4 में शामिल होना मेरे लिए एक अद्भुत अनुभव था। ICAN4 में व्यावहारिक और नैतिक ज्ञान जैसी सभी महत्वपूर्ण चीजें शामिल हैं और छात्रों को यह समझने की जरूरत है कि टेक्नोलॉजी एक उपकरण है और कहानी सुनाना एक कला है।”
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सुश्री कैथरीन लैंसियोनी, लेखक और प्रख्यात पीआर प्रोफेशनल, यूएसए ने सम्मेलन के बारे में कहा, “हमने इस सम्मलेन में जनसंपर्क के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और मैं डॉ सक्सेना को धन्यवाद देती हूं कि उन्होंने मुझे इस सम्मलेन में अपने विचार साझा करने का अवसर दिया।”
जतिन श्रीवास्तव, निदेशक, अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता संस्थान, ईडब्ल्यू स्क्रिप्स स्कूल ऑफ जर्नलिज्म, ओहियो विश्वविद्यालय, यूएसए ने टीम के उत्साह को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे ICAN 4 में रहना और दुनिया भर के शिक्षाविदों और पेशेवरों के साथ बातचीत करना पसंद है। मैं विशेष रूप से इस तथ्य की सराहना करता हूं कि सम्मेलन में आयोजन के अधिकांश पहलुओं में छात्र शामिल थे; इससे कार्यवाही में काफी ऊर्जा और उत्साह आया।”
डॉ किरण बाला, प्रोफेसर और डीन, स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, के.आर मंगलम विश्वविद्यालय ने सम्मेलन की यात्रा का वर्णन किया। उन्होंने कहा “हमें प्रौद्योगिकी और मीडिया पर बहुत व्यापक अंतर्दृष्टि मिली है जिसे हमें सीखने और अनुकूलित करने की आवश्यकता है। साथ ही, ICAN4 ने अकादमिक और मीडिया पेशेवरों को एक बेहतरीन मंच प्रदान किया और उन्हें एक साथ रखा”।
आगामी प्रक्रियाओं के लिए व्यावहारिक सुझाव प्रदान करते हुए, डॉ सपना एमएस, प्रोफेसर, पत्रकारिता विभाग और सामुदायिक रेडियो के समन्वयक, मानसा, मैसूर विश्वविद्यालय, कर्नाटक ने कहा, “मैं सभी शोध पत्रों को पुस्तक के रूप में प्रकाशित करने का सुझाव देती हूँ ताकि हम भविष्य में उनका उपयोग कर सकें।”
सम्मेलन के बारे में डॉ रूही लाल ठाकुर, प्रमुख, पीएचडी प्रोग्राम, एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा ने कहा, “ICAN4 ने वास्तव में मीडिया शिक्षण के क्षेत्र में एक इतिहास बनाया है। यह एक वैश्विक बौद्धिक कार्यक्रम था।”
महामारी के कारण सुधार की बात करते हुए, प्रो. पी एन वासंती, महानिदेशक, मीडिया अध्ययन केंद्र, नई दिल्ली ने प्रतिभागियों के उत्साह पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच है जहां दुनिया भर के विद्वान भाग लेते हैं। हालांकि COVID ने समूची दुनिया को प्रभावित किया है, लेकिन यह लोगों को एक साथ लाने में इस सम्मेलन की भूमिका को प्रभावित नहीं कर सका।”
डॉ अंकुरन दत्ता, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख, संचार और पत्रकारिता विभाग, गुवाहाटी विश्वविद्यालय, असम ने आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की और इस तरह के और सम्मेलन देखने की कामना की।
द पॉलिसी टाइम्स के संस्थापक और संपादक श्री अकरम हक ने कहा, “इस तरह के आयोजन में हमें मीडिया पार्टनर बनाने के लिए मैं डॉ सक्सेना को धन्यवाद देता हूं। ICAN अब एक ब्रांड है। मैं टीम के समर्पण और निष्ठा को देख सकता हूं क्योंकि वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं।” इसके अतिरिक्त उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि छात्रों को पत्रकारिता एक मिशन और जुनून के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए न कि करियर के रूप में, क्योंकि यह समाज की रीढ़ है।
डॉ अनीता परिहार ने कहा, “ICAN4 ने मुझे एक मीडिया शोधकर्ता के रूप में अपना अनुभव साझा करने के लिए एक मंच प्रदान किया। छात्रों को यह समझने की जरूरत है कि थ्योरी और प्रैक्टिकल साथ-साथ चलते हैं और उन्हें यह देखना चाहिए कि वे भविष्य में खुद को कैसे देखते हैं। ICAN ने उस दृष्टि को प्रदान करने में छात्रों की मदद की है।”
डॉ मोनिसा कादरी, हेड, यूनिवर्सिटी सोशल मीडिया और पीआर कंसल्टेंट और प्रॉक्टर इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी जम्मू-कश्मीर ने कहा, “मेरा मानना है कि सम्मेलन का यह संस्करण बहुत समृद्ध रहा है। विभिन्न सत्रों ने हमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस सहित मीडिया और पत्रकारिता के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में चर्चा परिचर्चा का अवसर प्रदान किया hai। ICAN के सभी सत्रों ने सीखने के लिए एक बेहतरीन मंच प्रदान किया है।”
तबीना अंजुम, वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया शिक्षक, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित दृश्य कथाकार, राजस्थान ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया और कहा, “मीडिया छात्रों की सक्रिय भागीदारी को देखना उत्साहजनक था। मुझे विश्वास है कि ये शोध पत्र भविष्य में उनके लिए ज्ञान स्रोत का काम करेंगे।
डॉ सिमरन सिद्धू, प्रमुख, पीजी डिपार्टमेंट ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, दोआबा कॉलेज, जालंधर, पंजाब ने कहा, “मैं इस सम्मेलन को इतने व्यापक स्तर पर आयोजित करने के लिए सभी को बधाई देती हूं। मुझे सत्र के अध्यक्ष के तौर पर बोलने का मौका देने के लिए मैं सभी का धन्यवाद करती हूं।
सम्मेलन के अगले संस्करण की उम्मीद करते हुए, डॉ पद्मा रानी, निदेशक और प्रोफेसर, मणिपाल संचार संस्थान, समन्वयक- मीडिया अनुसंधान केंद्र, मणिपाल उच्च शिक्षा अकादमी, मणिपाल, कर्नाटक ने कहा, “विविध शोध पत्रों को देखते हुए यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि यह सम्मेलन सूचना के स्तर पर उच्चत्तम दर्जे का था। इसने निश्चित रूप से ICAN5 की मजबूत नींव स्थापित की है।”
दिल्ली मेट्रोपॉलिटन एजुकेशन के वाइस चेयरमैन श्री अमन साहनी ने आयोजन समिति और इसमें शामिल सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा “एक टीम के रूप में हमने वर्चुअल इवेंट को लेकर अपनी दूरदृष्टि को वास्तविकता का रूप दिया है।”
डीएमई के महानिदेशक न्यायमूर्ति भंवर सिंह ने भविष्य के प्रयासों के लिए टीम को शुभकामना की और कहा, “टीम के अथक दृढ़ संकल्प के बिना दुनिया के पहले दस दिवसीय डिजिटल सम्मेलन का आयोजन संभव नहीं होता।”
डीएमई के निदेशक डॉ रविकांत स्वामी ने कहा, “मेरे लिए, इस बार ICAN इनफार्मेशन कम्युनिकेशन और आर्टिफिशल नेटवर्क न होते हुए इंटरनेशनल क्रॉस कल्चरल अडैप्टेशन नॉस्टेल्जिया है। ICAN के अगले संस्करण यानी ICAN5 के लिए मेरी शुभकामनाएं।”
अंत में डीएमई मीडिया स्कूल की छात्रा श्रिया सिंह और इशिका वाधवा और डीएमई मीडिया स्कूल की सहायक प्रोफेसर सुश्री मनमीत कौर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ मनस्वी माहेश्वरी, एसोसिएट प्रोफेसर, डीएमई मीडिया स्कूल ने सत्र की मेजबानी की।
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समापन सत्र के बाद सांस्कृतिक संध्या में डीएमई, केआरएम यूनिवर्सिटी और गुवाहाटी विश्वविद्यालय के छात्रों और नामचीन स्वतन्त्र कलाकारों द्वारा शास्त्रीय नृत्य और गायन का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा पुरस्कृत कलाकारों द्वारा कला और कविता प्रस्तुति का आयोजन किया गया। सत्र का संचालन डॉ टिनम बोरा, सहायक प्रोफेसर, डीएमई मीडिया स्कूल, नॉएडा ने किया।
इससे पहले दिन में, ICAN-4 का अंतिम तकनीकी सत्र ‘सामग्री, ब्लॉकचेन और घटनाओं पर डिजिटलीकरण का प्रभाव’ विषय पर आयोजित किया गया था। इसकी अध्यक्षता मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, मणिपाल में प्रोफेसर और निदेशक डॉ पद्मा रानी ने की और सह-अध्यक्षता सुश्री शिखा शर्मा, सहायक प्रोफेसर, केआर मंगलम विश्वविद्यालय ने की।
सत्र में एनीमेशन और समाचार में संवर्धित वास्तविकता की प्रासंगिकता, लघु वीडियो प्रकाशन का भविष्य और COVID-19 के दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भूमिका जैसे विषयों पर उपयोगी चर्चा हुई।
सत्र का संचालन श्री प्रमोद कुमार पांडे, सहायक प्रोफेसर, मीडिया स्कूल, डीएमई द्वारा किया गया और अभिषेक बजाज, प्रथम वर्ष के छात्र, डीएमई मीडिया स्कूल ने सत्र में एंकरिंग की।
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Assistant Professor, DME Media School
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