IGRS RANKING : आईजीआरएस रैंकिंग में कानपुर पूरी तरह से धड़ाम हो गया है। यूपी के 75 जिलों में KANPUR का नंबर 72वां आया है। कानपुर को 130 में से सिर्फ 96 नंबर ही मिले हैं। शिकायत निस्तारण करने वाले अफसरों से शहरवासी संतुष्ट नहीं हैं। इसलिए सबसे ज्यादा खराब स्थित फीडबैक में है।
फर्जीवाड़ा में कलेक्ट्रेट कर्मी समेत चार पर FIR दर्ज
एडीएम सिटी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि अब विभागों की लंबित शिकायतों की सूची तैयार कराई जाएगी। जिस विभाग की सबसे ज्यादा शिकायतें लंबित या डिफाल्टर मिलेगी, उन अधिकारियों को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया जाएगा।
पुलिस कमिश्नर ने सात पुलिसकर्मियों को किया निलंबित
LOK SABHA ELECTION की वजह से तीन महीने से बंद चल रही IGRS की रैंकिंग जुलाई महीने में फिर से शुरू हो गई है। नगर निगम, केडीए, बेसिक शिक्षा और समाज कल्याण से लेकर बिल्हौर तहसील के सबसे ज्यादा मामले डिफॉल्ट श्रेणी में रहे। DM की ओर से सभी को नोटिस भी जारी किया गया। फिर भी कोई असर नहीं पड़ा। शिकायतों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से निस्तारण नहीं किया गया। इसकी वजह से शिकायतकर्ता भी संतुष्ट नहीं थे। जिसकी वजह से फीडबैक में भी कानपुर के नंबर काफी कटे हैं।
कानपुर में भरे बाजार युवक की हत्या
क्या है ‘अंधश्रद्धा कानून’, जानिये
खुल गया स्टेशनरी बिजनेसमैन की हत्या का राज
जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट में कई अफसरों को लगाया है। इसमें नोडल अधिकारी एडीएम सिटी डॉ. राजेश कुमार, मानीटरिंग के लिए एसीएम प्रथम राजेश कुमार, ई डिस्ट्रिक मैनेजर संदीप यादव और कंप्यूटर प्रोग्रामर रंधीर सिंह को लगाया था। अब ई-डिस्ट्रिक मैनेजर को आईजीआरएस से हटा दिया गया है। अब वह आईजीआरएस का काम नहीं देखेगे। इसका आदेश डीएम ने जून में ही जारी कर दिया था।