IIT Kanpur News: आईआईटी के रोबोटिक हाथ से ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को जल्द लाभ मिलेगा। आईआईटी ने स्ट्रोक रिहैबिलिटेशन के लिए ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस के साथ दुनिया का पहला रोबोटिक हैंड एक्सोस्केलेटन (robotic hand exoskeleton) विकसित किया है। Kanpur News
NBK की डाकू महाराज फर्स्ट डे फर्स्ट शो रिव्यू
रिकवरी में तेजी लाने और मरीजों के परिणामों को बेहतर बनाकर स्ट्रोक के बाद की चिकित्सा को बेहतर बनाने के लिए यह पहला नवाचार है। इसका ट्रायल INDIA और यूके के चार-चार मरीजों पर किया गया है। जो इलाज के एक या दो साल बाद रिकवरी के बजाए स्थिर स्थिति में पहुंच गए थे। इस नवाचार की मदद से अब ये मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं।
IIT Kanpur के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. आशीष दत्ता ने 15 वर्षों की रिसर्च के बाद ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस बेस्ड रोबोटिक हैंड एक्सोस्केलेटन विकसित किया है। यह नवाचार डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी), यूके इंडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की मदद से किया गया है। प्रो. आशीष दत्ता ने बताया कि स्ट्रोक से रिकवरी बहुत लंबी प्रक्रिया है। अक्सर इसमें एक निश्चित समय के बाद रिकवरी रुक जाती है।
हमारा उपकरण फिज़िकल थेरेपी, मस्तिष्क की सक्रियता और विजुअल फीडबक तीनों का एक साथ काम करता है। इससे एक बंद लूप नियंत्रण प्रणाली बनती है, जो मस्तिष्क की प्लास्टिसिटी को सक्रिय करती है। जो उत्तेजनाओं के जवाब में अपनी संरचना और कार्यप्रणाली को बदलने की मस्तिष्क की क्षमता को बढ़ाती है। प्रो. दत्ता ने बताया कि इसका ट्रायल रीजेंसी हॉस्पिटल, अपोलो अस्पताल और यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ अल्स्टर में किया गया है। Kanpur IIT News
ऐसे काम करता है
ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस बेस्ड रोबोटिक हैंड एक्सोस्केलेटन उपचार के दौरान मरीज के मस्तिष्क को सक्रिय करने में मददगार होता है। यह तीन आवश्यक घटकों पर काम करता है। पहला, ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस जो रोगी के हिलने-डुलने के प्रयास का आकलन करने के लिए मस्तिष्क के मोटर कॉर्टेक्स से ईईजी संकेतों को कैप्चर करता है। दूसरा, रोबोटिक हैंड एक्सोस्केलेटन जो थेरप्यूटिक हैंड की तरह काम करता है।
तीसरा सॉफ़्टवेयर है जो वास्तविक समय में आवश्यकता के अनुसार बल प्रतिक्रिया के लिए एक्सोस्केलेटन के साथ मस्तिष्क के संकेतों को सिंक्रनाइज़ करता है। यह सिंक्रनाइज मस्तिष्क की निरंतर भागीदारी को सुनिश्चित करता है, जिससे तेज और अधिक प्रभावी रिकवरी को बढ़ावा मिलता है। मस्तिष्क, मांसपेशियां और कंप्युटर स्क्रीन के विजुअल जुड़ाव रिकवरी परिणामों को बेहतर बनाने के लिए आपसी सामंजस्य में काम करते हैं।