ARTI PANDEY
KANPUR
भारत के विकास मॉडल को लेकर काफी देश मुरीद हैं। अफ्रीका हमेशा भारत के विकास मॉडल का पालन करना चाहता है। यहां पैन अफ्रीका में चलाए गए कई प्रोग्राम सफल रहे। यह बात मैडागास्कर की पूर्व राजदूत मंजू सेठ (Former Madagascar Ambassador Manju Seth) ने बतायी। विशेष अतिथि मंजू सेठ ने डीएवी डिग्री कॉलेज सैन्य अध्ययन विभाग के सभागार में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी शीर्षक “भारतीय विदेश नीति के 75 वर्ष : उपलब्धियां एवं संभावनाएं” में कहा कि पहले की अपेक्षा देश का आत्मविश्वास बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि विदेश नीतियों (foreign policies) पर भारत (India) अब मुखर हुआ है। नीतियों को लेकर देश बदलाव के साथ चला। जैसे जैसे विश्व में बदलाव हुए भारत ने अपनी नीतियों को उस प्रकार से बदले। हालातों के हिसाब से नीतियों को परिवर्तित किया गया है। तत्कालीन निर्णयों के लिए वर्तमान में मूल्यांकन करना ठीक नहीं है।
सत्र के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि ऐसी संगोष्ठी बहुत कम होती है। अन्य महाविद्यालयों को भी ऐसे आयोजन कराने चाहिए। इससे नये-नये आयाम शिक्षकों और विद्यार्थीयों को सिखने को मिलती है।
पूर्व राजदूत एके मुदगल ने भारत की विदेश नीति के बदलते वैश्विक परिदृश्य पर अपने विचार रखे। मुख्य वक्ता प्रोफेसर आशुतोष सक्सेना ने कहा कि भारत नीतियों को निर्मित कर रहा है और वैश्विक कम्यूनीटि इसकी बात सुन रहा है। प्राचार्य प्रोफेसर अरुण कुमार दीक्षित ने कहा कि इस प्रकार की गोष्ठी से शिक्षिकों और विद्यार्थियों को काफी कुछ सीखने का मिलता है कि कैसे विश्व को नीतियों से संभाला जा रहा है।
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