India Justice Report 2025 : देश में पुलिसिंग के मामले में तेलंगाना पहले नंबर पर और पश्चिम बंगाल आखिरी पायदान पर है। India Justice Report 2025
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ज्युडिशियरी के मामले में केरल टॉप पर और पश्चिम बंगाल आखिरी नंबर पर है। इन सब के ओवर ऑल मामले में टॉप-5 राज्यों में एक भी बीजेपी शासित राज्य नहीं है। 18 बड़े राज्यों में यूपी 17वें नंबर पर है।

सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट ने ‘इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2025’ जारी कर दी गई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायपालिका और प्रशासनिक सुधारों की सूची में दक्षिण के तीन राज्य सबसे आगे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, सुधारों की सूची में तेलंगाना पहले पायदान पर है जबकि आंध्र प्रदेश दूसरे और कर्नाटक तीसरे स्थान पर है. India Justice Report

न्यायपालिका और पुलिस में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ी जातियों के कोटे के पदों पर शत प्रतिशत नियुक्तियां करने वाला कर्नाटक इकलौता राज्य है. बजट, वैकेंसी, इंफ्रास्ट्रक्चर, SC,ST,OBC और महिलाओं की नियुक्ति जैसे 32 पैमानों पर पुलिस और 25 पैमानों पर ज्युडिशियरी को आंका गया है।
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MP और इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज पर 15 हजार केस का बोझ
- देश भर में 21,285 जज हैं, लेकिन अब भी हाई कोर्ट में 33% और निचली अदलतों में 21% पद खाली हैं।
- 2024 के आखिर में पेंडिंग केसों की गिनती 5 करोड़ तक पहुंच गई। 17 बड़े राज्यों की लोअर कोर्ट्स में 25% से ज्यादा ऐसे मामले हैं, जो 3 साल से पेंडिंग हैं।
- ज्युडिशियरी में महिलाओं की भागीदारी के मामले में लोअर कोर्ट्स में 38% जज और हाईकोर्ट्स में 14% जज महिलाएं हैं।
- देश के 28 में से 6 प्रदेशों की अदालतों ने अपने SC/ST कोटा का कम से कम 80% तक भरा है।
- कर्नाटक को छोड़कर किसी भी राज्य में SC/ST कोटा पूरा भरा हुआ नहीं है।
- मार्च 2025 के जनसंख्या अनुमानों के मुताबिक देश की हर 10 लाख की आबादी पर 15 जज मौजूद हैं, जबकि खाली पदों पर तैनाती हो जाए तो 19 जज हो जाएंगे।
- विधि आयोग ने 1987 में सिफारिश की थी कि हर 10 लाख की आबादी पर 50 जज होने चाहिए।
- सिर्फ 4 प्रदेशों की लोअर कोर्ट और हाई कोर्ट में केस क्लियरेंस रेट यानी मामला निपटारे की दर 100% से ज्यादा रही।
- 2024 के आखिर तक सिक्किम, त्रिपुरा और मेघालय को छोड़ ज्यादातर हाईकोर्ट्स में हर जज पर औसतन 1,000 से ज्यादा केसों को वर्कलोड था। मध्यप्रदेश और इलाहाबाद हाईकोर्ट के हर जज पर 15 हजार केसों को कार्यभार था।
- जिला स्तर पर हर जज पर औसतन 500 से ज्यादा मामले लंबित थे, जिनमें कर्नाटक में प्रति जज पर लगभग 1750, केरल में 3800 और UP में 4300 मामलों का कार्यभार था।
पुलिसिंग में 90% महिलाएं कॉन्स्टेबल, बिहार में एक पुलिसकर्मी के जिम्मे 1522 लोग
- भारत में करीब 20 लाख पुलिसकर्मी हैं। इनमें महिला पुलिस की संख्या 2.42 लाख है।
- पुलिसिंग में SC समुदाय की भागेदारी 17% और ST समुदाय की भागेदारी 12% है।
- एक हजार से भी कम महिलाएं सीनियर पोजिशन यानी SP और DG जैसे पदों पर हैं। 80% महिलाएं कॉन्स्टेबल हैं।
- देश में 2.42 लाख महिला पुलिसकर्मियों में से सिर्फ 960 IPS हैं, जबकि देशभर में कुल IPS ऑफिसर्स की संख्या 5047 है।
- जनवरी 2017 से जनवरी 2023 के बीच देशभर में पुलिस अधिकारियों के 64 हजार नए पद मंजूर हुए, लेकिन भर्तियां सिर्फ 44 हजार पदों पर हुईं।
- इस दौरान अधिकारियों के 28% से 32% पद खाली रहे। यानी हर चार में से एक अधिकारी का पद खाली रहा।
- देश में एक पुलिस पर 831 लोगों की सेवा का भार है। बिहार में एक पुलिस के जिम्मे 1522 लोग, ओडिशा में 1298 लोग और पश्चिम बंगाल में एक पुलिस पर 1277 लोगों का भार है।
- 18 बड़े राज्यों में पंजाब की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां एक पुलिस के जिम्मे 504 लोग हैं।

SOURCE : DAINIK BHASKAR
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