India’s first 3D film: आज फिल्मों की कहानी के साथ-साथ फिल्म के एफेक्ट पर मेकर्स खूब पैसा खर्च कर रहे हैं। 3डी फिल्मों के मामले में भी आज बॉलीवुड पीछे नहीं है। India’s first 3D film
एक बार फिर…रोंगटे खड़े कर देगा छोरी 2 का टीजर
समय के साथ सिनेमा में बहुत बदलाव आया है। नई टैक्नोलॉजी के साथ फिल्मों को प्रेजेंट करने और कहानी बताने का तरीका बदला है। मगर क्या आपको पता है कि भारत की पहली 3डी फिल्म कौन सी थी? चलिए आज हम आपको पहली भारतीय 3डी फिल्म के बारे में बताते हैं जिसने सिनेमा में अमिट छाप छोड़ी है।
बिना मेकअप के फिल्में करती हैं ये Actress
41 साल पहले बनी थी 3डी मूवी
भारत की पहली 3डी फिल्म 1984 में रिलीज हुई मलयालम भाषा की फिल्म माय डियर कुट्टीचथन (My Dear Kuttichathan) थी। इसका निर्देशन जिजो पुन्नूस और निर्माण उनके ही पिता नवोदय अपचन ने किया था। फिल्म की कहानी एक अदृश्य भूत के इर्द-गिर्द घूमती है जिसे एक दुष्ट जादूगर अपना गुलाम बना लेता है। तीन बच्चे उस भूत को जादूगर से छुड़ाकर उससे दोस्ती कर लेते हैं।
विकिपीडिया के मुताबिक…
फिल्म में एमपी रामनाथ ने कुट्टीकथन को अपनी आवाज दी थी। जादूगर की भूमिका के श्रीधरन नायर ने निभाई थी। फिल्म में सोनिया, मास्टर सुरेश और मास्टर अरविंद औ दलीप ताहिल जैसे कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई थी। विकिपीडिया के मुताबिक, इस फिल्म ने उस वक्त 2.5 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था।
56 साल पहले इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रच दिया था इतिहास
सबसे शापित फिल्म जिसके बनने पर हुई थीं 20 मौतें
14 साल बाद हिंदी में हुई थी डब
माय डियर कुट्टीचथन की सफलता के बाद इसे 14 साल बाद हिंदी में छोटा चेतन (Chhota Chetan) नाम से भी डब किया गया था। इस फिल्म का भी निर्देशन जिजो पुन्नूस ने ही किया था। इसे भी खूब पसंद किया गया और घरेल बॉक्स ऑफिस पर इसने बहुत अच्छी कमाई की थी। कहा जाता है कि इसने 1998 में 10 करोड़ रुपये का बिजनेस किया था।
इस फिल्म में उर्मिला मातोंडकर, दलीप ताहिल, सतीश कौशिक, शक्ति कपूर, हरीश कुमार और रवि बस्वानी जैसे कलाकारों ने अहम भूमिका निभाई थी। मिस हवा हवाई बनकर छा गई थीं।