#ElectionCommission का निर्देश- लोकसभा कैंडिडेट को विज्ञापन देकर बताना होगा…
#ElectionCommission ने 2019 के लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही उम्मीदवारों के लिए आपराधिक रिकॉर्ड को कम से कम तीन बार अखबार पर टीवी पर विज्ञापित करना अनिवार्य किया है.
पहली बार इस नियम का इस्तेमाल किया जाएगा
ये निर्देश 10 अक्टूबर 2018 को जारी किए गए थे. लेकिन 11 अप्रैल 2019 से 19 मई 2019 तक होने वाले लोकसभा चुनाव में पहली बार इस नियम का इस्तेमाल किया जाएगा.
अपने आपराधिक रिकॉर्ड को करना होगा सार्वजनिक
- इस निर्देशानुसार सभी राजनीतिक दलों के भी अपने प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड का भी विज्ञापन देना होगा.
- चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों और पार्टियों को प्रचार करने के दौरान व्यापक रूप से प्रसारित अखबारों और लोकप्रिय टीवी चैनलों में कम से कम तीन अलग-अलग तारीखों पर अपने आपराधिक रिकॉर्ड को सार्वजनिक करना होगा.
- जिन उम्मीदवारों का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, उन्हें इस बात को चुनाव आयोग के सामने रखना होगा कि उम्मीदवारों को अब एक संशोधित फॉर्म (संख्या 26) भरना होगा.
वेबसाइट पर जानकारी देनी होगी जरूरी
चुनाव आयोग ने कहा कि पार्टियों को अपने प्रत्याशियों के बारे में अपनी वेबसाइट पर जानकारी देना अनिवार्य होगा. हालांकि, चुनाव आयोग ने यह नहीं बताया कि क्या उम्मीदवारों को प्रचार के लिए अपनी जेब से भुगतान करना होगा. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चूंकि यह चुनाव से संबंधित खर्च है, इसलिए प्रत्याशियों को यह कीमत चुकानी होगी. इस नियम का पालन करने में विफल रहने वाले दलों पर मान्यता खत्म होने या निलंबित होने का खतरा भी रहेगा.
फेक न्यूज पर लगाम
चुनाव आयोग ने चुनाव अभियान के दौरान सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल के मद्देनजर रखते हुए. इसके दुरुपयोग से फर्जी खबरों और गलत जानकारियों के प्रचार-प्रसार एवं छद्म प्रचार को रोकने के लिये आगामी लोकसभा चुनाव में सख्त प्रावधान किए हैं.