ARTI PANDEY
KANPUR
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में घटिया सामग्री दिए जाने पर डीएम विशाख जी ने फर्म को ब्लैक लिस्टेड करने का आदेश जारी किए हैं। जांच में बिछिया और पायल में चांदी कम मिली थी। इसकी जांच दो दफा करायी गई। दरअसल पहले गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट को लेकर विकास भवन को आलाधिकारी आमने सामने आ गए थे। इस रिपोर्ट पर समाज कल्याण अधिकारी प्रज्ञा पांडेय ने आपत्ति जाहिर की] जिसके बाद उपहार की गुणवत्ता को लेकर आई जांच रिपोर्ट पर तकरार बढ गई है। पूरे मामले की जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपी गई थी। अब दूसरी जांच रिपोर्ट आ गई है।
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सीडीओ सुधीर कुमार ने शादी के बाद जब सामान की जांच करायी तो 87.06 लाख रुपये की सामग्री सिर्फ 63.36 लाख रुपये की निकली। प्रति जोड़े को दी जाने वाली चांदी की बिछिया 467 रुपये की बजाए 195 रुपये की और पायल 2280 रुपये की बजाए 767 रुपये कीमत की बांट दी। यानी बिछिया में 42 प्रतिशत और पायल में 32 फीसदी चांदी निकली।
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समाज कल्याण विभाग में शादी के नाम पर फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दो साल बाद फिर से गरीब बेटियों को दिए जाने वाले सामान में बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आया है। प्रति जोड़ें पर 51 हजार रुपये की धनराशि खर्च की जाती है। जिसमें 35 हजार रुपये की चेक, 10 हजार रुपये का सामान और 6 हजार रुपये खाने पर खर्च किए जाते हैं। बीते 7 और 28 फरवरी को जिले में 913 जोड़ों की शादी अलग-अलग ब्लाकों में करायी गई थी। जिसमें सभी जोड़ों को 35 हजार रुपये का चेक और 10 हजार रुपये की कीमत का सामान भी दिया गया था।
शिवराजपुर ब्लाक के बीडीओ (ज्वाइंट मजिस्ट्रेट) हिमांशू गुप्ता ने शक के आधार एक किट जांच के लिए अपने कार्यालय में रख ली थी। कार्यक्रम के बाद उन्होनें सामग्री की जांच कराने के लिए सीडीओ को पत्र लिखा था। सीडीओ ने चार सदस्यी जांच कमेटी गठित कर सामग्री की जांच बैठा दी थी। टीम ने जब जांच की तो तय मानक से बहुत कम मूल्य का घटिया सामान निकला। एक जोड़े को 9536 रुपये (फर्म के अनुसार) कीमत का दिए जाने वाला सामान सिर्फ 6942 रुपये का मिला। यानी 913 जोड़ों को 87.06 लाख रुपये का दिया जाना वाला सामान 63.36 लाख रुपये का निकला। जिलाधिकारी विशाख जी ने फर्म को दोषी मानते हुए वास्तविक मूल का भुगतान करने के आदेश समाज कल्याण अधिकारी प्रज्ञा पाण्डेय को दिए साथ ही फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया।
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क्रय समिति ने पास किया था सामान
विभाग ने जैम पोर्टल पर ई टेंडर निकाला था, जिसमें करीब 11 फर्में आयीं थीं। करीब 6 फर्मों का चयन कर विकास भवन बुलाया गया था। शासन द्वारा नामित 8 सदस्यी क्रय समिति के सामने सभी फर्मे अपने-अपने सामान का किट लेकर आयीं थीं। जिसमें सबसे कम दाम और ज्यादा सामान वाली मुरादाबाद की फर्म छवि इंटरप्राइजेज का पाया था। समिति ने सामान देखकर पास कर दिया था। इसके बाद जब ब्लाकों में शादी कार्यक्रम का आयोजन किया गया तो फर्म ने सामान कार्यक्रम के एक दिन पहले ट्रक से पहुंचाया था। जो सभी जोड़ो को बांट दिया गया।
क्या बोले अधिकारी
समाजकल्याण अधिकारी प्रज्ञा पाण्डेय ने बताया कि जो सामान शादी में बांटा गया है उसे क्रय समिति ने ही पास किया था। इस फर्म ने कम पैसों में ज्यादा सामान दिया है। लेकिन जांच अधिकारियों ने सामग्री के मूल्य का आंकलन कम किया। उसी के आधार पर 63.36 लाख रुपये फर्म को भुगतान किया गया है।
सीडीओ सुधीर कुमार ने बताया कि शक के आधार पर सामग्री की जांच करायी गयी थी। जिसमें बाजार मूल्य का आधार पर जांच करायी गयी थी। जिसमें बाजार मूल्य से करीब 3 हजार रुपये कम की सामग्री निकली है। प्रति जोड़ा 6942 रुपये के हिसाब से फर्म को भुगतान किया गया। घटिया सामग्री देने पर फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया है।