JAIHINDTIMES
CHANDIGARH
सीबीआई कोर्ट ने एक लाख रुपए की रिश्वत के साथ पकड़े गए आईपीएस अफसर देसराज सिंह को शुक्रवार को तीन साल जेल की सजा सुना दी। एक लाख रुपए जुर्माना भी लगाया। फैसला सुनाते हुए सीबीआई कोर्ट की जज ने कहा इस केस से पता चलता है कि भ्रष्टाचार का कैंसर किस तरह हमारे सिस्टम में फैल चुका है। यह केस अपने आप में अद्वितीय है। इसमें शिकायत करने वाला खुद एक पुलिस अफसर था, जिसने अपने सीनियर अफसर पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया।
‘नमक का दारोगा’ की याद आ गई
स्पेशल जज गगनगीत कौर ने कहा कि इस केस से उन्हें मुंशी प्रेमचंद की 1925 में छपी कहानी ‘नमक का दारोगा’ की याद आ गई। जज ने कहा उस कहानी में दारोगा के किरदार ‘मुंशी वंशीधर’ ने रसूखदारों और नमक के तस्करों की 40 हजार रुपए की रिश्वत की पेशकश ठुकरा दी थी, जबकि उस समय 40 हजार रुपए बहुत बड़ी रकम थी। हमारी सोसायटी को ‘मुंशी वंशीधर’ जैसे ही ईमानदार पुलिस अफसरों की जरूरत है।
देसराज को गिरफ्तार करने के आदेश नहीं दिए
देसराज के वकील की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उनकी नौ साल की बेटी अर्ब्स पाल्सी बीमारी से पीड़ित है, जबकि बेटे को जी6 पीएलडी नाम की बीमारी है। इस बीमारी में उसे ब्लड की काफी जरूरत पड़ती है। पत्नी डायबीटिक हैं। ऐसे में उनकी गैरमौजूदगी में परिवार की देखरेख करने वाला कोई नहीं होगा। लिहाजा, गिरफ्तारी से छूट दी जाए। कोर्ट ने अपील मानते हुए देसराज को गिरफ्तार करने के आदेश नहीं दिए।