अल्जाइमर एक दिमागी बीमारी है…
गुस्सा, चिड़चिड़ापन और धीरे-धीरे रोजमर्रा की छोटी-छोटी चीजें भूलना सभी अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण (Early Symptoms Of Alzheimer’s) हो सकते हैं. अल्जाइमर एक दिमागी बीमारी (Mental Illness) है, जिसमें धीरे-धीरे याद्दाश्त (Memory)और सोचने की शक्ति कम होती जाती है.
यहां जानें क्या है अल्जाइमर, इसके लक्षण और बचाव के उपाय…
ये हैं अल्जाइमर के लक्षण
- स्मरण शक्ति में कमी के कारण पीड़ित व्यक्ति कई बातें भूलने लगता है. जैसे- नहाना भूल जाना.
- नाश्ता किया है या नहीं, यह भूल जाना.
- वस्तुओं या जगह का नाम न याद रहना.
- अपने घर का रास्ता भूल जाना.
- संख्याओं को याद न रखना.
- अपने सामान को रखकर भूल जाना.
- अत्यधिक चिड़चिड़ापन महसूस करना.
- एक ही काम को अनेक बार करना या एक ही बात को बार-बार पूछते रहना.
- दवा खाई है या नहीं यह भूल जाना.
- घर के लोगों के नाम भूल जाना या याद न रख पाना.
क्या है अल्जाइमर
- अल्जाइमर भूलने की बीमारी है.
- इसके लक्षणों में याददाश्त की कमी होना, निर्णय न ले पाना, बोलने में दिक्कत आना आदि शामिल हैं.
- ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, आधुनिक जीवनशैली और सिर में चोट लग जाने से इस बीमारी के होने की आशंका बढ़ सकती है.
- 60 साल की उम्र के आसपास होने वाली इस बीमारी का फिलहाल कोई स्थाई इलाज नहीं है.
कई बीमारियां होना भी हो सकता है कारण
अल्जाइमर के कई कारण होते हैं. इसमें सबसे बड़ा रिस्क ऐसे लोगों को होता है जिन्हें पहले से ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन, थायराइड और किसी भी तरह की क्रॉनिक डिजीज हो. इसके अलावा अव्यवस्थित जीवनशैली जैसे शराब, सिगरेट, समय से खाना न खाना, तनाव भी है. इसके अलावा पोषण संबंधित फैक्टर जैसे विटामिन बी की कमी, अकेलापन, मानसिक रूप से किसी बीमारी से ग्रसित होना.
अल्जाइमर के कारण
उम्र बढ़ने के साथ तमाम लोगों में मस्तिष्क की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं. नतीजतन न्यूरॉन्स के अंदर कुछ केमिकल्स कम हो जाते हैं और कुछ केमिकल्स ज्यादा हो जाते हैं. अल्जाइमर्स आनुवांशिक कारणों से भी हो सकता है. इसके अलावा हेड इंजरी, वायरल इंफेक्शन और स्ट्रोक में भी अल्जाइमर की स्थिति पैदा हो सकती है.
अल्जाइमर का इलाज
दिमाग की कोशिकाओं में केमिकल्स की मात्रा को संतुलित करने के लिए दवाओं का प्रयोग किया जाता है. दवाओं के सेवन से रोगियों की याददाश्त और उनकी सूझबूझ में सुधार हो सकता है. दवाएं जितनी जल्दी शुरू की जाएं उतना ही फायदेमंद होता है. दवाओं के साथ-साथ रोगियों और उनके परिजनों को काउंसलिंग की भी जरूरत होती है.
हल्दी कर सकती है अल्जाइमर के खतरे को कम
कई शोधों में सामने आया है कि हल्दी से बढ़ती उम्र में मैमोरी को बेहतर करने के साथ ही भूलने की बीमारी अल्जाइमर के खतरे को कम किया जा सकता है. करक्यूमिन हल्दी में पाया जाने वाला एक रासायनिक कंपाउंड है. पूर्व के अध्ययनों में इस कंपाउंड के सूजन रोधी और एंटीआक्सीडेंट गुणों का पता चला था.