इस वर्ष जया एकादशी (JayaEkadashi) 23 फरवरी दिन मंगलवार को पड़ रही है। इस दिन रवि योग और त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है। आज के दिन व्रत (vrat) रखते हुए भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और जया एकादशी (JayaEkadashi) की व्रत कथा (vrat katha) का श्रवण किया जाता है।
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हम जानते हैं कि जया एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व क्या है।
जया एकादशी तिथि
इस वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 22 फरवरी दिन सोमवार को शाम 05 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है। इसका समापन 23 फरवरी मंगलवार को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर होगा। एकादशी (Ekadashi) की उदयातिथि 23 फरवरी को प्राप्त हो रहा है, इसलिए जया एकादशी का व्रत 23 फरवरी को रखा जाएगा।
पूजा मुहूर्त
23 फरवरी के दिन रवि योग सुबह 06 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक है और त्रिपुष्कर योग शाम को 06 बजकर 05 मिनट से अगले दिन 24 फरवरी को प्रात: 06 बजकर 51 मिनट तक है। ऐसे में जया एकादशी (Ekadashi) रवि योग में मनेगी। इस दिन राहुकाल दोपहर 03 बजकर 26 मिनट से शाम 04 बजकर 51 मिनट तक है।
पारण का समय
जो लोग जया एकादशी का व्रत रखेंगे, वे अगले दिन द्वादशी को पारण करेंगे। आपको 24 फरवरी को सुबह 06 बजकर 51 मिनट से सुबह 09 बजकर 09 मिनट के मध्य जया एकादशी व्रत का पारण कर लेना चाहिए। जो लोग एकादशी व्रत रखते हैं, उनको द्वादशी के समापन से पूर्व ही पारण कर लेना चाहिए। 24 फरवरी को द्वादशी का समापन शाम को 06 बजकर 05 मिनट पर होगा।
व्रत का महत्व
जया एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। उसके सभी पाप मिट जाते हैं और इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को भूत, पिशाच आदि योनियों से भी मुक्त होता है। उसे स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है।
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