Jeen Mata Temple: हम आपको बताने जा रहे हैं राजस्थान के जीण माता मंदिर (Jeen Mata temple) के बारे में, जहां मंदिर में लंबे समय से दीपक जल रहा है और इतिहास मुगल काल से जुड़ा हुआ है। Jeen Mata Temple
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कहां है जीण माता मंदिर
जीण माता मंदिर राजस्थान (Rajsthan) के सीकर जिले में है। यह मंदिर जीण माता (Jeen Mata Temple) को समर्पित है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जीण माता मंदिर पहाड़ियों के बीच स्थित है। हर साल मंदिर में नवरात्र के दौरान अधिक संख्या में भक्त आते हैं और जीण माता की पूजा-अर्चना करते हैं और दर्शन का लाभ उठाते हैं।
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कब और किसने बनवाया मंदिर?
जीण माता मंदिर को चौहान शासक ने 1200 साल पहले (आठवीं सदी) में बनवाया था। इस मंदिर का इतिहास बेहद पुराना है। इस मंदिर के पास में भैरवनाथ मंदिर भी है। ऐसा बताया जाता है कि जीण माताजी मंदिर के पट कभी बंद नहीं होते हैं और ग्रहण के दौरान जीण माताजी मंदिर में आरती समय पर होती है।
क्या है मंदिर की विशेषता
इस मंदिर में जीण माता की अष्टभुजी प्रतिमा स्थापित है। यहां पर चैत्र और शारदीय नवरात्र के दौरान मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमे अधिक संख्या में लोग शामिल होते हैं। इस मंदिर की दीवारों पर तांत्रिकों की मूर्तियां लगी हुई हैं और मंदिर के अंदर शिलालेख स्थापित हैं।
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महत्व और मान्यता
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जीण माता मंदिर में दर्शन करने से कुष्ठ रोग से छुटकारा मिलता है। मंदिर में भक्त देवी को स्वर्ण छत्र भी अर्पित करते हैं। मंदिर में चैत्र और शारदीय नवरात्र के दौरान बेहद खास रौनक देखने को मिलती है।
मंदिर की वास्तुकला (temple architecture)
इस मंदिर में राजपूतों चौहान वंशों की वास्तुकला देखने को मिलती है। यह मंदिर जंगलों से घिरा हुआ है। मंदिर के मंदिर के नीचे मंडप भी है, जिसे गुफा के नाम से जाना जाता है।
मंदिर से जुड़ी कथा (story related to temple)
प्राचीन समय में औरंगजेब की सेना के द्वारा शेखावाटी मंदिरों को तोडना शुरू किया। ऐसे में लोगों ने जीण माता से मदद की गुहार लगाई। इसके बाद माता ने सेना पर मधुमक्खियों को छोड़ दिया, जिसकी वजह से सेना को वहां से भागना पड़ा। लोगों ने जीण माता के चमत्कार को देखकर मंदिर में अखंड ज्योति जलाई। यह अखंड ज्योति मंदिर में आज भी जल रही है।
महादेव का ये मंदिर विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित है
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। JAIHINDTIMES यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है।