Kalawa Bandhne ke Niyam : हिंदू परंपरा में कलावा (Kalava Tie Rules) को किसी भी धार्मिक कार्य में बांधा जाना अनिवार्य है। यह धार्मिक महत्व रखता है और इससे स्वास्थ्य लाभ मिलता है। कलावा को रक्षासूत्र भी कहा जाता है क्योंकि यह हमारी रक्षा करता है। इसलिए, आइए जानते हैं इससे जुड़े आवश्यक नियम। Kalawa Bandhne ke Niyam
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कलावा कब उतारना चाहिए
लोग अक्सर कई दिनों तक हाथ में कलावा बांधकर रहते हैं। लेकिन शास्त्रों में कितना दिनों तक हाथ में कलावा बांधना शुभ है? माना जाता है कि कलावा को अधिक दिनों तक हाथ में रखना सकारात्मक ऊर्जा देना बंद कर देता है। इसलिए 21 दिनों तक ही कपड़े पहनना अनुचित है।
इस बातों का रखें ध्यान
उतरे हुए कलावे को कभी दोबारा नहीं बांधना चाहिए। उतारने के बाद इसे किसी बहती नदी में प्रवाहित कर देना शुभ होता है। इसके बाद किसी अच्छे मुहुर्त में हाथ पर दोबारा कलावा बांध सकते हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि कभी भी उतरे हुए रंग का कलावा नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि ऐसा कलावा अशुभ माना जाता है।
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रक्षा सूत्र बांधने के नियम
पुरुषों और अविवाहित लड़कियों को अपने दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए। वहीं विवाहित स्त्रियों के लिए बाएं हाथ में कलावा बांधना अधिक शुभ माना गया है। हाथ में कलावा बंधवाते समय उस हाथ की मुट्ठी बांध लेनी चाहिए और अपना दूसरा अपने सिर पर रखना चाहिए। इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि इस रक्षा सूत्र को केवल 3 बार ही लपेटना चाहिए।
कलावा बांधने के मंत्र
शास्त्रों में कलावा या रक्षा सूत्र बांधने का एक खास मंत्र भी बताया गया है। ऐसे में यदि आप कलावा बांधते या बंधवाते समय इस मंत्र का उच्चारण करते हैं, तो इससे आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं।
ॐयेन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वां मनुबध्नामि, रक्षंमाचल माचल’
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