Kanpur Agriculture Department Fraud : अफसरों की लडाई से विभाग का फर्जीवाड़ा अब सामने आने लगा है। सालों से बंद और कबाड पडे वाहनों के डीजल का भुगतान विभागों ने कर दिया। कितने लाख का भुगतान कर दिया यह विभागीय अफसरों तक को नहीं पता।
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करीब 15 वर्ष से कृषि अधिकारी, कृषि रक्षा अधिकारी और दो वर्षों से भूमि संरक्षण अधिकारी की खराब जीप गैराज में बंद खड़ी है। इन कंडम गाड़ियों के नंबर पर डीजल का भुगतान हो रहा था। 13 वर्षों में करीब चार कृषि उपनिदेशक बदले लेकिन सभी आंखें बंदकर पैसा निकालते रहे। यही नहीं विभाग के तीन ड्राइवर भी बैठे वेतन भी उठा रहे हैं। जिन्हें किसी भी अधिकारी के यहां अटैच तक नहीं किया गया।
उपनिदेशक कृषि अरूण कुमार ने बताया कि मेरे पास जो बिल आते रहे मैं उनका भुगतान करता रहा। क्यों कि इससे पहले भी कई अधिकारी तैनात रहे डीजल निकालने में किसी ने आपत्ति नहीं की जिससे भुगतान रोका जाए।
संयुक्त कृषि निदेशक अशोक तिवारी के मुताबिक जब कृषि अधिकारी की गाड़ी खराब है और उन्होंने कोई गाड़ी भी नहीं लगा रखी तो इन्हें ड्राइवर की क्या आवश्यकता है। इसलिए मैंने ड्राइवर अटैच नहीं किया। मेरे कार्यालय में तीन ड्राइवर अटैच हैं।
परिसर में खड़े-खड़े गाड़ी हो गई जर्जर
कृषि विभाग (Agriculture Department) में करीब 8 अफसरों की तैनाती है। जिसमें सभी अफसरों को सरकारी वाहन और सरकारी ड्राइवर प्रयोग करने के लिए शासन के निर्देश हैं। वर्ष 2010 में जिला कृषि अधिकारी (सरकारी वाहन यूपी 75, 2232) और 2013 से कृषि रक्षा अधिकारी (वाहन यूजीओ 8833) साथ ही 2022 से भूमि संरक्षण अधिकारी की गाड़ी (यूपी 78, एफ-7773) परिसर में खराब खड़ी हैं जो अब पूरी तरह से जर्जर हो गईं हैं।
करीब पांच कृषि उपनिदेशक बदले
विभाग के अधिकारियों ने शासन को पत्र लिखकर गाड़ियों की मांग की लेकिन किसी को भी आज तक सरकारी गाड़ी नहीं मिल सकी। विभाग का कार्य बाधित न हो इसके लिए सभी अपनी निजी गाड़ी का प्रयोग कर सरकारी गाड़ी के नंबर से लाखों रुपये का डीजल का भुगतान कराते रहे। तब से अब तक करीब पांच कृषि उपनिदेशक बदले किसी ने इन बिलों पर आपत्ति भी नहीं की और आंखे बंद कर भुगतान करते रहे। यही नहीं आज तक इन गाड़ियों को आरटीओ के द्वारा निष्प्रयोज्य भी घोषित नहीं किया गया। मार्च माह में कृषि अधिकारी ने गाड़ी निष्प्रयोज्य करने के लिए आरटीओ को पत्र लिखा है लेकिन अभी तक नहीं हो सकी है।
तीन ड्राइवर बैठे-बैठे ले रहे वेतन
कृषि विभाग में 8 सरकारी ड्राइवर तैनात हैं। जिसमें से पांच ड्राइवर तो अलग-अलग अधिकारियों की गाड़ी चला रहे हैं। तीन ड्राइवर संयुक्त कृषि निदेशक के यहां अटैच हैं। इनका हर माह वेतन (करीब 60 से 70 हजार) भी आसानी से निकाला जा रहा है। जनवरी माह में जब कृषि अधिकारी अमर सिंह के यहां अटैच सरकारी ड्राइवर राजकुमार अवस्थी रिटायर हो गया तो उन्होंने संयुक्त कृषि निदेशक को पत्र लिखकर ड्राइवर की मांग की तो उन्होंने गाड़ी निष्प्रयोज्य होने का हवाला देते हुए ड्राइवर की आवश्यकता न होने की बात कहकर ड्राइवर की तैनाती नहीं की। जिसके बाद दोनों अधिकारियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया।