KANPUR BIG NEWS : टीबी मरीजों को पोषण पोटली वितरण करने उर्सला अस्पताल (Ursala Hospital) पहुंचे डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh) ने निरीक्षण किया। KANPUR BIG NEWS
घनघोर अव्यवस्थाओं और लापरवाही पर तल्ख हुए डीएम ने सीएमओ डॉक्टर हरिदत्त नेमी और एसीएमओ डॉक्टर आरके गुप्ता को कारण बताओं जारी करने का आदेश दे दिया। वहीं गैरहाजिर तीन कर्मचारियों के वेतन रोकने का निर्देश दिया है। डीएम ने उर्सला डायरेक्टर और सीएमओ को ओपीडी में मरीजों का इलाज करने का कहा। साथ ही डॉक्टर और कर्मचारियों की उपस्थिति समय पर हो इसकी निगरानी का आदेश दिया है।
तय कार्यक्रम में पहुंचे डीएम को मिलीं यह खामियां
उर्सला अस्पताल में पहले से तय कार्यक्रम के चलते डीएम करीब दस बजे पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण किया। यहां अव्यवस्थाओं और लापरवाही का अंबार मिला। डीएम बोले, जब आज यह हालत है जबकि सबको पता है मैं आ रहा हूं, तो और दिनों क्या होगा?
निरीक्षण के दौरान नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉक्टर RK गुप्ता उपस्थित नहीं मिले , सीएमओ वार्ड में गंदगी दिखी, उपस्थिति रजिस्टर में दो कर्मचारी भी गायब मिले, सीएमओ कार्यालय से 30 से 35 कर्मचारी उर्सला अस्पताल में अटैच है जबकि वहां इतने कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है। 20 बेड के आयुष्मान वार्ड में कुल 8 मरीज भर्ती थे लेकिन वहां एक भी डॉक्टर उपस्थित नहीं पाया गया। वार्ड में किस डॉक्टर की ड्यूटी लगी हुई है इस पर वहां उपस्थित डायरेक्टर समेत कोई अन्य जिम्मेदार संतोषजनक उत्तर न दे पाए।
डायरेक्टर हेल्प डेस्क और सीएमओ के हेल्प डेस्क पर ताला लगा मिला। वहां उपस्थित मरीजों ने बताया कि ड्यूटी पर कर्मचारी व डॉक्टर समय पर उपस्थित नहीं होते हैं, मरीजों को मूलभूत सुविधाएं देने के नाम पर मात्र खाना-पूर्ति की जा रही है। चिकित्सालय के अंदर बनी सड़क भी ऊबड़- खाबड़ है जिससे एंबुलेंस के आवागमन में मरीजों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। बैठने की समुचित व्यवस्था न होने के कारण मरीज जमीन पर ही बैठे मिले, इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की।
जिलाधिकारी ने यह निर्देश दिए
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए की अस्पताल परिसर में मरीजों के बैठने के लिए प्राप्त संख्या में चेयर लगवाया जाए। किसी भी मरीज को मूलभूत सुविधाओं व आवश्यक दवाओ से वंचित न रखा जाए । यह डायरेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की प्राथमिक जिम्मेदारी भी है। सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस ना करें अन्यथा उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। सभी डॉक्टर सेवाभाव के साथ काम करें और इस पेशे को बदनाम ना करें।
पोषण- पोटली वितरण कार्यक्रम में लिया हिस्सा
जिलाधिकारी ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए टीबी से ग्रस्त मरीजों को पोषण – पोटली का वितरण किया गया। इस अवसर पर कुल 50 मरीजों को पोषण – पोटली वितरित किए गए। इस दौरान जिलाधिकारी ने वहां उपस्थित मरीजों व डॉक्टर को संबोधित करते हुए कहा कि शासन की मंशा है कि सबको समय से व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो, जिसके क्रियान्वयन में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। केंद्र सरकार ने मार्च 2025 में भारत को ‘टीबी मुक्त भारत’ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है इसके लिए हम सबको मिलकर टीम भावना के साथ टीबी को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की आवश्यकता है।
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