Kanpur CM Dashboard Ranking : प्रशासनिक अफसरों की हीलाहवाली और आरामतलबी का असर सीएम डैश बोर्ड पर दिख रहा है। कानपुर फिसड्डी जिलों की लिस्ट में शामिल है।
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शनिवार को जारी हुई मुख्यमंत्री डैशबोर्ड रैंकिंग (CM Dashboard Ranking) में यह बात एक बार फिर जगजाहिर हो गई। यही नहीं कानून व्यवस्था में गिरावट दर्ज हुई। डैशबोर्ड की रिपोर्ट में कानपुर नगर टॉप टू फिसड्डी जिलों में शामिल है। जून की रिपोर्ट में ओवरऑल रैंकिंग में पांच अंकों का सुधार हुआ था। 67 अंक मिले थे। जुलाई की रिपोर्ट में ओवरऑल रैंकिंग 74वीं हो गई।
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मुख्यमंत्री डैशबोर्ड की व्यवस्था प्रशासनिक व विकास कार्यों में गतिशीलता पर नजर रखने के लिए सरकार ने की थी। सभी विभाग को अपने कार्यों का लेखा-जोखा feed करना होता है। इसी आधार पर प्रदेशभर के सभी विभागों के कामकाज की रिपोर्ट जारी होती है, जिसमें प्रदेश के 75 जिलों के आधार पर रैंकिंग मिलती है। विकास कार्यों में कानपुर को जून में 36वां रैंक मिली थी। जुलाई में 20 अंकों की गिरावट के साथ 56वें नंबर पर कानपुर पहुंच गया। राजस्व वसूली की बात करें तो यहां स्थिति में मामूली सुधार है। जून की अपेक्षा 72 वीं रैंक से 70वें स्थान पर कानपुर नगर पहुंचा है।
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ई ग्रेड का कामकाज वाले विभाग
कानपुर की रैंकिंग खराब होने वजह अधिकारियों की कार्यप्रणाली रही। इन विभागों में ऊर्जा, पशुधन, महिला एवं बाल विकास, राजस्व, आबकारी, जीएसटी और आपूर्ति जैसे विभाग है। यह विभाग ई ग्रेड में शामिल हैं। इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षा विभाग डी ग्रेड में शामिल है।
20 अंक और पिछड़ गया
विकास कार्य कराने वाले 30 विभागों की 70 परियोजनाओं में मातृत्व शिशु एवं बालिका सदस्य योजना, ओडीओपी वित्त पोषण, बिजली, शिक्षा, सड़क निर्माण, सामूहिक विवाह, आवास, जल जीवन मिशन, गोवंश सुपुर्तगी, कन्या सुमंगला योजना और शौचालय निर्माण जैसी आवश्यक परियोजनाओं में जिला करीब 20 अंक और पिछड़ गया है।