KANPUR CRIME NEWS : परमट मंदिर, कानपुर (KANPUR) के सेवादार कन्हैया लाल कश्यप (59) की हत्या पड़ोसियों ने नहीं बल्कि उसके बेटे ने ही की थी। उसने अपने रिश्तेदार के साथ मिलकर वारदात की थी। उसने पड़ोसियों को धमकाने और जमीन हड़पने की साजिश रची थी। हत्यारा बेटा बॉक्सिंग में नेशनल चैंपियन रह चुका है। KANPUR CRIME NEWS
KANPUR CRIME NEWS : परमट मंदिर सेवादार की हत्या
पूरी घटना
घटना बीते मंगलवार की है। डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने कहा, “संदीप कश्यप ने बुआ के बेटे अजय कश्यप के साथ मिलकर पिता की हत्या की थी।” उसने पड़ोसियों को फंसाने और संपत्ति पर कब्जा करने का षड्यंत्र रचा था। उसने पुलिस को बताया कि घटना के दिन सुबह पांच बजे वह दौड़ने जाने वाला था। इस दौरान पिता को जगाने गया, तो बेड पर उनका खून से लथपथ शव मिला। संदीप ने पड़ोसी श्याम नारायण बाजपेई की हत्या की आशंका व्यक्त की थी। KANPUR CRIME NEWS
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पिता का विवाद
मंदिर की जमीन को लेकर श्याम नारायण बाजपेई से पिता का विवाद चल रहा था, उसने आरोप लगाया। सोमवार को श्याम नारायण ने भी स्थान खाली करने की धमकी दी। उसके बाद पिता की खून से सनी लाश मिली थी। उसने श्याम नारायण बाजपेई और उनके चार साथियों पर हत्या का आरोप लगाया था। उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
एक गलत बयान ने खोला पूरा राज
डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि श्याम नारायण बाजपेई और उनके चार साथी तुरंत गिरफ्तार किए गए और उनसे पूछताछ शुरू की गई। जबकि जांच में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गनशॉट की पुष्टि हुई, पुलिस ने फिर से जांच शुरू की। पुलिस ने बेटे के बयान को गहनता से जांच की। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की उसमें आरोपी बेटा और उसके साथ की पूरी रात मूवमेंट रिकॉर्ड की गई।
बाद में पुलिस ने GSR (गनशॉट रेसिड्यू) की जांच की। जिसमें बेटे के हाथ में गनशॉट के सबूत मिले। इस आधार पर पुलिस ने बेटे और उसके साथ अजय को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को पुलिस ने जेल भेजा है। पुलिस का कहना है कि बेटा एक पेशेवर अपराधी है। उसके खिलाफ महाराजपुर थाने में पहले भी हत्या का मुकदमा दर्ज है। 312 बोर के वेपन से हत्या की गई। पुलिस कोर्ट से रिमांड भी लेगी।
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इलाज के लिए मां को भेजा था उन्नाव
आरोपी ने कहा कि मां को दांतों की कुछ बीमारी थी। उन्हें दो दिन पहले इलाज के लिए उन्नाव भेजा था। हत्याकांड को अंजाम दिया गया। आरोपी दो दिन से पुलिस को बरगलाता रहा। हालांकि, सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल के साक्ष्य शुरू से ही करीबी की ओर इशारा कर रहे थे।
करीबी पर ही शक जता रही थी पुलिस
सीसीटीवी फुटेज में नामजद आरोपियों के खिलाफ पुलिस को साक्ष्य नहीं मिले थे। वहीं, फुटेज में नजर आ रहे करीबी पर पुलिस शक जता रही थी। पुलिस दो दिनों तक आरोपी के खिलाफ साक्ष्य जुटा रही थी। मामले में पुष्टि के बाद पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर दिया।
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