Kanpur Farmer Suicide Case : करोड़ों की जमीन हड़पे जाने पर खुदकुशी करने वाले किसान बाबू सिंह की जमीन के दोनों दाखिल खारिज में आपत्ति न सुनने वाले महाराजपुर के नायब तहसीलदार आशीष पटेल ने जमकर मनमानी की। डीएम ने एडीएम आपूर्ति अजित प्रताप सिंह से जांच कराई। इसमें पुष्टि हुई कि आशीष ने भाजपा नेता आशू दिवाकर के दबाव में एकतरफा दाखिल खारिज कर दिया।
डीएम विशाख जी (DM VISHAKH JI) ने नायब तहसीलदार पर कार्रवाई को राजस्व बोर्ड से संस्तुति की है। वहीं केडीए (KDA) भी पूरे मामले चुप रहा, यहां से कोई ले आउट प्लान पास नही कराया गया। सिर्फ आशु दिवाकर के रसूख से काम होता रहा।
डीएम विशाख जी ने बताया कि बिना भू उपयोग परिवर्तन और ले आउट के प्लाटिंग करने का मामला दिखवाया जाएगा। अगर बिना पास कराए काम हो रहा होगा तो कार्रवाई होगी। Farmer Suicide Case
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बाबू सिंह को सुना तक नहीं गया (Kanpur Farmer Suicide Case)
तीन बार आपत्ति के लिए प्रार्थना पत्र बाबू सिंह ने आपत्ति के लिए तीन बार प्रार्थना-पत्र दिया था, इसके बावजूद नायब तहसीलदार ने चौथी बार में आपत्ति का इंतजार किए बिना प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। इसका खुलासा एडीएम आपूर्ति अजित प्रताप सिंह की जांच में हुआ है। दोनों ही दाखिल खारिज दो महीने में हो गए। इसमें बाबू सिंह को सुना तक नहीं गया।
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केडीए के अफसरों ने भी की मनमानी
चकेरी के किसान बाबू सिंह की मौत के मामले में आरोपी भाजपा नेता डॉ. प्रियरंजन उर्फ आशू दिवाकर के इशारे पर सिर्फ तहसील ही नहीं नाच रही थी केडीए के अफसर भी मेहरबान रहे। षड्यंत्र के तहत बाबू सिंह की कृषि भूमि छीनी गई, नियम को ताख पर रख चट रजिस्ट्री पट दाखिल खारिज भी कर दिया गया। भूमि हड़पते ही आरोपितों ने उस पर प्लॉटिंग भी शुरू कर दी। न तो तहसील से जमीन का भू उपयोग बदला गया न ही केडीए से ले आउट प्लान पास कराया गया। सिर्फ आशू दिवाकर के रसूख से काम होता रहा और अफसर आंख मूंदे रहे। KANPUR NEWS
नियमों को ताक पर रखकर मनमानी
नायाब तहसीलदार महाराजपुर की कोर्ट में बाबू सिंह की 15 बीघा और 10 बिस्वा जमीन के दाखिल खारिज राहुल जैन और मधुर पांडेय के नाम हुए थे। खतौनी आते ही आशू दिवाकर और उसके गुर्गों ने किसान से कब्जाई जमीन पर प्लाटिंग भी शुरू कर दी थी। जिसे देखते ही बाबू सिंह तनाव में आ गए थे। इसके बाद ही उन्होंने ट्रेन से कटकर जान दे दी थी। अहिरवां के मथुरा खेड़ा गांव में हो रही प्लॉटिंग को बाबू सिंह ने रोकने की कोशिश की थी। लेकिन वहा तैनात दबंगों ने बाबू सिंह को फटकारते हुए भगा दिया था। इससे वह आहत हो गए थे और नौ सितंबर को जान दे दी थी। दूसरे दिन आरोपियों पर एफआईआर हुई थी।