ARTI PANDEY
कानपुर (KANPUR) के बांसमंडी क्षेत्र में स्थापित आग से क्षतिग्रस्त हुए पांचों कॉम्प्लेक्सों (five complexes) का निर्माण नई गाइड लाइन (new guidelines) के अनुसार होगा। आईआईटी के स्ट्रक्चर कमेटी की जो रिपोर्ट आई है, उसमें बताया गया है कि आग से क्षतिग्रस्त हुए यह सभी भवन पुराने मानकों पर बनाए गए हैं। आईआईटी (IIT) की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि इसमें तीन कॉम्प्लेक्स हमराज, मसूद और एआर टॉवर को गिराया जाना जरूरी है। अरजन और नफीस कॉम्प्लेक्स को भी फिर से बनाने के बाद ही उसको प्रयोग में लाया जा सकता है। नई गाइड लाइन के अनुसार इनके बीच में 15-15 फीट का खुली जगह होनी जरूरी है। इसके अलावा चौड़ी सीढ़ियां व आने-आने जाने के कई रास्ते भी होने चाहिए। Kanpur Fire Incident
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आईआईटी की रिपोर्ट और शासन के निर्देशों के अनुसार…
जब भी अब कोई नया कॉम्प्लेक्स बनेगा, उसे नए भवन निर्माण नियमावली के तहत बनाने की अनुमति दी जाएगी। आग की घटना से क्षतिग्रस्त होने के बाद से ही इन भवनों की बनावट को लेकर संदेह उठने लगे थे। जितने भी कॉम्प्लेक्स बने हैं, उसमें किसी में भी चारों तरफ 15 फीट की जगह नहीं छोड़ी गई है। इसी तरह फायर ब्रिगेड ने इन कॉम्प्लेक्सों के अंदर बनी संकरी सीढ़ियों को लेकर भी सवाल उठाया था। दुकानों की साइज, पार्किंग, आग लगने की घटना से निपटने के लिए पानी का बड़ा टैंक, कॉम्प्लेक्स के मुख्य गेट के अलावा बाहर निकलने के और भी रास्ते नहीं होना जैसी कमियां यहां पाई गई हैं। इन खामियों की रिपोर्ट भी केडीए की तरफ से तैयार की जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से कहा गया है कि नए तरीके से इन भवनों को बनाने के लिए नई नियमावली का पालन जरूरी होगा। Kanpur Fire Incident
इन विभागों से लेनी होगी एनओसी
नए सिरे से कॉम्प्लेक्स को बनाने के लिए सात विभागों से एनओसी लेनी होगी। इसके लिए इन विभागों की ओर से दिए गए मानक के अनुरूप भवन निर्माण करना होगा। इन विभागों में केडीए (KDA), नगर निगम(Municipal Corporation), अग्निशमन विभाग (Fire Department), प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Pollution Control Board), सिंचाई विभाग (Irrigation Department), पीडब्ल्यूडी व पुलिस विभाग (PWD and Police Department) शामिल है।
ADM CITY अतुल कुमार ने बताया…
आईआईटी की स्ट्रक्चर कमेटी के अनुसार बास मंडी क्षेत्र के जो कॉम्प्लेक्स आग में जलने की वजह से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उसमें से तीन को गिराने का आदेश जारी कर दिया गया है। इसके अलावा बाकी दो कॉम्प्लेक्स अरजन और नफीस की स्थिति बाकी तीन जैसी तो नहीं है लेकिन उसका प्रयोग करने से पहले नए से सिरे परीक्षण करना जरूरी है। इन सभी भवनाें का निर्माण अब भवन निर्माण की नई नियमावली (नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया) के तहत करना होगा। अभी तक बने भवन नई नियमावली के तहत नहीं हैं। Kanpur Fire Incident
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आशीष शिवपुरी पूर्व नगर नियोजक केडीए ने बताया…
किसी भी कॉम्प्लेक्स के निर्माण के लिए जरूरी है कि उसके चारों ओर कम से कम 15 फीट खाली जगह (सेट बैक ) हो। इसके अलावा भवनों के आसपास पानी टैंक भी होने चाहिए। जिससे आग जैसी घटना होने पर उस पर काबू पाया जा सके।
– बहुमंजिला भवन में भूकंप और तेज हवाओं से बचाव के लिए जरूरी उपाय
– इमारत में दिव्यांग व्यक्ति के आने जाने के लिए रैंप की व्यवस्था हो
– आग से बचाव के लिए अग्निशमन उपकरण होने जरूरी
– बेसमेंट या ग्राउंड फ्लोर में किचन या कैंटीन न हो
– आग लगने की सूरत में बचाव के लिए इमरजेंसी निकास व सीढि़यां हो
– भवन के चारों ओर कम से कम 15-15 फीट का खाली स्थान हो
– पार्किंग की व्यवस्था बेसमेंट या ग्राउंड फ्लोर पर हो
– एस्केप लाइटिंग जरूर हो ताकि इमरजेंसी के समय लाइट जाने पर भी बाहर निकला जा सके
– बेसमेंट या ग्राउंड फ्लोर पर गोदाम न बनाएं
– समय समय पर अग्निशमन बचाव का रिहर्सल होता रहे
– अग्निरोधी दीवारें और कंपार्टमेंट हो
– भवन में एक ऐसा कमरा जरूर हो जहां आपदा के समय बचने के लिए जाया जा सके।
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