KANPUR GOOD NEWS : सदर तहसील में जमीन खरीदने के बाद दाखिल खारिज आदेशों के परवाना कम्प्यूटराइज्ड खतौनी में दर्ज किये जाने का काम काफी तेजी से किया जा रहा है।
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पिछले एक महीने में दस हजार से अधिक दाखिल खारिज के आदेशों का अंकन कम्प्यूटराइज्ड खतौनी में कराया गया है। वहीं करीब पांच हजार की पेंडिंस अभी बनी हुई है। एसडीएम सदर प्रखर कुमार सिंह (SDM Sadar Prakhar Kumar Singh) ने बताया कि परवाना को लेकर काफी शिकायतें आ रहीं थीं। इसको सीरियल के अनुसार दर्ज किए जाने का आदेश दिया गया। परवाना चढाए जाने की निगरानी लगातार की जा रही है।
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जमीन खरीदे जाने के बाद तहसील में दाखिल खारिज में हो रही देरी से काफी लोग परेशान थे। इस संबंध में लगातार शिकायतें आ रही थीं। पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए SDM Sadar ने शिफ्टवार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर परवाना चढाए जाने का आदेश दिया। पूरी तैयारी के बाद शाम छह से सुबह आठ बजे तक परवाना दर्ज किया जाने का काम किया जाता रहा। इसके मद्देनजर करीब 10 हजार से अधिक लंबित परवाने सिर्फ एक महीने में भी दर्ज करा दिए गए।
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क्या होता है परवाना
जमीन की खरीद पर सक्षम कोर्ट द्वारा दाखिल खारिज का आदेश या जमीन संबधी किसी भी विवाद के आदेश को कम्प्यूटर खतौनी में दर्ज करने हेतु भेजे जाने वाले अभिलेख को परवाना कहा जाता है। अभी तक इन आदेशों की हार्ड कॉपी में जारी किया जाता था। यह हार्ड कॉपी आदेश डाक के जरिए रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय में पहुंचता था। इसके बाद इंद्राज कम्प्यूटर खतौनी में होता था। नयी व्यवस्था के तहत प्रत्येक ग्राम की रियल टाइम खतौनी बनायी जा रही है‚ जिसमे परवाने की हार्डकापी भेजने की व्यवस्था के स्थान पर सम्बन्धित कर्मचारी के लाॅगिन में सीधे ई-परवाना के जरिये आदेश पंहुचेगा‚ जिसे कर्मचारी द्वारा रियल टाइम खतौनी में फीड किया जायेगा।
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रियल टाइम खतौनी में सहखातेदारों का अंश भी होगा स्पष्ट। वर्तमान व्यवस्था में खतौनी में कुल रकवा व सहखातेदारों के सिर्फ नाम ही लिखे जाते थे। उसकी हिस्से का भूमि अंश स्पष्ट रूप से नहीं लिखा रहता था। नई व्यवस्था में प्रत्येक खातेदार का अंश भी खतौनी में दर्ज होगा‚ जिससे सहखातेदारों के मध्य अंश के विवाद कम होंगे।