Shubhangi Dwivedi
Kanpur Gsvm Medical College News: जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (Gsvm Medical College) के लाला लाजपत राय अस्पताल में कम असर वाले एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट इन्जेक्शन संक्रमित मरीजों को लगा दिए गए। यह एंटीबायोटिक शरीर को बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीएमएससीएल) से पांच हजार वायल इंजेक्शन की आपूर्ति की थी। इसमें से 2741 वॉयल को उपयोग में लाया गया है। 16 अगस्त को औषधि विभाग ने इस इंजेक्शन का नमूना हैलट से लिया था। जो जांच में फेल हो गया। (Kanpur Gsvm Medical College News)
उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPMSCL) हैलेट (Hallet) में दवाओं की आपूर्ति करती है। एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट 1.2 ग्राम के इन्जेक्शन जो कि एंटीबॉयटिक है और संक्रमण के दौरान लगाया जाता है। इंजेक्शन के पांच हजार वॉयल हैलेट में आए थे। इसमें से हैलेट में भर्ती मरीजों को 2741 वॉयल इंजेक्शन लगाया गया है। 16 अगस्त को औषधि विभाग के इंस्पेक्टर ने इस इंजेक्शन का नमूना लिया था। नमूने को लखनऊ (LUCKNOW) स्थित राजकीय प्रयोगशाला में जांच भेजा गया था। रिपोर्ट में यह नमूना फेल पाया गया है। बताया गया कि इसमें संक्रमण से लड़ने की शक्ति कम मिली है। मानक के अनुसार 90 से 107 प्रतिशत होना चाहिए, वह 86.31 प्रतिशत निकला है। मरीज को इंजेक्शन लगाने का फायद कम होगा। (Kanpur Gsvm Medical College News)
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LAB में जांच के दौरान फेल पाए गए थे इंजेक्शन (Kanpur Gsvm Medical College News)
हैलेट में बीते रोज पेंटा प्रोजोल इंजेक्शन LAB में जांच के दौरान फेल पाए गए थे। UPMSCL की इस लापरवाही का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। जांच में मिला है कि इसको लगाने के बाद इसका असर काफी कम होगा। मतलब संक्रमण से जूझ रहे मरीजों को जल्द लाभ नहीं मिलेगा। अब नमूने फेल होने की पूरी रिपोर्ट UPMSCL को भेजी जा रही है। वहीं कंपनी पर भी सख्त कार्रवाई को लिखा जा रहा है।
यूपी मेडिकल कॉरपोरेशन ने सप्लाई की…(Kanpur Gsvm Medical College News)
औषधि विभाग ने एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट 1.2gm इन्जेक्शन का नमूना लिया था। इसको जांच के लिए लखनऊ (LUCKNOW) स्थित राजकीय प्रयोगशाला भेजा गया था। यह नमूना जांच में फेल हो गया है। बताया गया कि इंजेक्शन अधोमानक पाया गया है। इसमें जो मानक 90 से 107 प्रतिशत होना चाहिए, वह 86.31 प्रतिशत निकला है। इसको मरीज को लगाने से कोई फायदा नहीं होगा। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन (UPMSCL) से यह इंजेक्शन आपूर्ति की गई है। UPMSCL से आपूर्ति हुए इस बैच के इंजेक्शन वापस करने को कहा है। कारपोरेशन से हो रही दवाओं की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
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ब्लैक लिस्ट होगी कंपनी…(Kanpur Gsvm Medical College News)
ड्रग इंस्पेक्टर संदेश मौर्या ने बताया कि फार्मा कंपनी के एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट 1.2gm इन्जेक्शन अधोमानक होने से फेल हो गया है। इसलिए अस्पताल प्रशासन से इंजेक्शन के बिल एवं वाउचर मांगे हैं। साथ ही कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने के लिए भी पत्र लिखा है। साथ ही UPMSCL को भी पत्र लिखा जाएगा। औषधि निरीक्षक संदेश मौर्या ने 16 अगस्त को छापा मारकर पैंटाप्रोजाल इंजेक्शन और एमाक्सीसिलिन विथ क्लैवनिक एसिड का नमूना लेकर जांच के लिए लखनऊ स्थित प्रयोगशाला भेजा था।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रो. एसके गौतम का कहना है कि यह संक्रमित रोगियों के इलाज में काम आता है। एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट 1.2gm पांच हजार वायल की आपूर्ति हुई थी। उसमें से 2741 वॉयल इंजेक्शन उपयोग हो गए हैं। 2259 वायल बचे हैं, उन्हें वापस किया जाएगा।
किस काम आता है इंजेक्शन…(Kanpur Gsvm Medical College News)
यह एक पेनिसिलिन-प्रकार की एंटीबायोटिक है जो आपके शरीर को बैक्टीरिया के कारण होने वाले संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है। इसका इस्तेमाल फेफड़ों (जैसे, न्यूमोनिया), कान, नेज़ल साइनस, मूत्र मार्ग, त्वचा और मुलायम ऊतक के इन्फेक्शन के इलाज के लिए किया जाता है.
जिम्मेदारों को भेजा है नोटिस (Kanpur Gsvm Medical College News)
UPMSCL से हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के सोलन के बद्दी स्थित एएनजी लाइफ साइंसेस इंडिया लिम्टेड (ANG Lifesciences India Ltd) से एमोक्सिसिलिन और पोटेशियम क्लैवुलनेट 1.2gm इन्जेक्शन बैच नंबर एबी19039 जिनकी निर्माण तिथि फरवरी 2022 और एक्सपाइयरी जनवरी 2024 को होनी थी। उसके नमूने एलएलआर अस्पताल से लेकर भेजे थे, जो जांच में फेल हो गए हैं। इसको लेकर अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदारों को नोटिस भेजा है।- संदेश मौर्या, ड्रग इंस्पेक्टर, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग।
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