Kanpur Hallett Hospital : हैलट अस्पताल में मंगलवार को बच्चों के ग्लूकोमा के लिए विशेष प्रकार की सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक की शुरुआत हुई, जिसमें कई बच्चों की जांच की गई। GVSM मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि यह एक विशेष प्रकार का ग्लूकोमा होता है, जिसमें बच्चों की आंखों का आकार बड़ा हो जाता है। प्रो संजय काला ने बताया, “ब्यूफथेलमॉस के लिए एक सुपर स्पेशलिटी क्लीनिक की शुरुआत की गई है। यह प्रदेश का पहला ऐसा सरकारी क्लिनिक है जिसमें बच्चों की आंखों का इलाज हो सकता है। इसमें ज्यादातर बच्चों के ग्लूकोमा को विशेष तौर से देखकर उसका इलाज किया जाएगा”
कंगना रणौत को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने 14 जुलाई को बठिंडा कोर्ट में पेशी से दी छूट
करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं कानपुर कमिश्नर आईएएस राजशेखर
दिल्ली पब्लिक स्कूल समेत 7 स्कूलों को नोटिस जारीभारत के सभी टोल प्लाजा पर पत्रकारों को टोल टैक्स पर मिलेगी छूट !
प्रमुख कारण अनुवांशिक होताप्रो संजय काला ने बताया यह एक विशेष प्रकार का ग्लूकोमा होता है जिसमें बच्चों की आंखों का आकार बड़ा हो जाता है। क्योंकि बच्चों की आंखें मुलायम होती हैं। इसलिए बढ़े हुए प्रेशर के दबाव को सहन नहीं कर पाती और वो बड़ी हो जाती है। ऐसे में बच्चों की आंखों से लगातार पानी का बहना, धूप में आंखों का न खुलना, जैसे लक्षण दिखाई पड़तेहै। ज्यादा खराबी होने पर पुतली सफेद पड़ जाती है और जल्द ही रोशनी चले जाने का खतरा पैदा हो जाता है। बच्चों की आंखें मुलायम होती हैं, इसलिए बढ़े हुए प्रेशर के दबाव को सहन नहीं कर पाती और बड़ी हो जाती हैं। बच्चों की आंखों से लगातार पानी का बहना, धूप में न खुलना, लगातार रोने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। अधिक खराबी होने पर पुतली सफेद हो जाती है। कई बार आंखों की रोशनी भी चली जाती है। इसका प्रमुख कारण अनुवांशिक होता है।
GORAKHPUR CRIME NEWS : दारोगा के बेटे की गोली मारकर हत्या
ICAN में हुई वैकल्पिक नैरेटिव, कल्चरल कंटेंट, मीडिया रिसर्च पर गहन चर्चा
हैलट अस्पताल के आकड़े क्या कहते है
यह पैदा होने वालों बच्चों में 1/2500- 1/10000 बच्चों तक में पाया जा सकता है। इसका प्रमुख कारण अनुवांशिक (हेरेडिटी) होता है। विशेष बात यह है कि इसका ऑपरेशन प्रदेश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में नहीं हो रहा है और यह सिर्फ GSVM मेडिकल कॉलेज में हो रहा है। इसकी पहल डॉ शालिनी मोहन ने की है। इसमें प्रयुक्त होने वाला एक विशेष प्रकार का इंस्ट्रूमेंट की सुविधा प्रिंसिपल डॉक्टर संजय काला द्वारा उपलब्ध करा दी गई है जिसकी वजह से बच्चे का ऑपरेशन हो सका।