ARTI PANDEY
कानपुर : ज्योति (Jyoti) की मां माया देवी नागदेव की ओर से घटना के तीन साल बाद अगस्त 2017 में जबलपुर के कैंट थाने में प्रार्थना पत्र दिया गया था। आरोप था कि पीयूष के स्वजनों ने उनकी बेटी के स्त्रीधन का प्रयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही अमानत में खयानत का आरोप भी लगाया था। (Kanpur Jyoti Murder Case)
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यह मामला जबलपुर के पारिवारिक न्यायालय और न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में चला। जिसमें पीयूष उसके पिता ओमप्रकाश श्यामदासानी, मां पूनम, भाई मुकेश और पत्नी रिंकी को आरोपित किया था। अधिवक्ता सुरेश सिंह चौहान ने बताया कि इस मामले में 22 जून 2018 को ज्योति की मां माया देवी और ओमप्रकाश के बीच कोर्ट में समझौता हो गया था। जिसमें दस लाख रुपये नकद और सात मई 2018 को छह ड्राफ्ट के माध्यम से 50 लाख रुपये दिए गए थे। इसके साथ ही ज्योति (Jyoti Murder Case) के आभूषण, शैक्षिक प्रमाण पत्र व अन्य सामान भी दिया गया। इस समझौते के आधार पर जबलपुर की न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट (COURT) से जून 2018 को ओमप्रकाश समेत परिवार के अन्य सभी सदस्यों को बरी कर दिया गया था।
समझौता पत्र में इस बात का उल्लेख भी था कि राजीनामा आवेदन एवं आदेश पत्रिकाओं का उपयोग या प्रभाव अन्य किसी प्रकरण में नहीं होगा। हालांकि कानपुर में चल रहे मुकदमे की अंतिम सुनवाई के दौरान पीयूष की ओर से राजीनामा व इससे जुड़े सभी प्रपत्र न्यायालय में पेश किए गए थे।
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