RAHUL PANDEY
कानपुर (Kanpur) की महारापुर विधानसभा चर्चित सीट बन गई है। भाजपा सरकार के मंत्री और 7 दफा के विधायक सतीश महाना की साख अब फंसती जा रही है। 2017 में इस विधानसभा में सपा और कांग्रेस के गठबंधन के चलते कांग्रेस के प्रत्याशी राजा रामपाल यहां से लडे थे और उन्हें करारी हार का सामना करना पडा था। इस दफा सपा और कांग्रेस ने युवा प्रत्याशी यहां से उतारा है। सपा के फतेह बहादुर गिल और कांगे्रस के कनिष्क पाण्डेय मैदान में हैं। सपा और कांग्रेस का दबदबा इस सीट पर नहीं रहा लेकिन इस दफा समीकरण बदल हुए हैं। मंत्री रहते हुए भी सतीश महाना अपने क्षेत्र में कोई खासा विकास कार्य नहीं कराया जिससे लोगों में नाराजगी है। वहीं सपा के फतेह बहादुर गिल को लेकर भी लोगों में साफ्ट कार्नर है। विधानसभा में होने वाली चुनावी लडाई की बिसात में कौन बाजी मारेगा यह देखना काफी रोचक होगा।
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‘एनएसए लगाने की धमकी तक दे दी’
फतेह बहादुर गिल की उम्र 37 साल है। फतेह ने बताया, मैं 2021 को 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर सतीश महाना अंकल के घर बाहर बेरोजगारी को लेकर गुलाब लेकर धरना और प्रदर्शन कर रहा था, मगर अभद्रता और गुंडागर्दी का आरोप लगाकर मुझे गुंडा एक्ट लगाकर जेल भेज दिया गया। साथ ही एनएसए लगाने की धमकी तक दे दी। सबसे बुरी बात यह रही की वो मुझे और मेरे पिता जी को जानते थे, तभी उन्होंने यह किया। मुझे 21 अक्टूबर को पुलिस ने जेल भेज दिया और 29 को मेरे पिता देहांत हो गया। मुझे देर रात छोड़ा गया जेल से, जमानत मिलने के बावजूद।
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विकास नहीं विनाश हुआ : कनिष्क
युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कनिष्क पांडेय उम्र 37 साल का भी मुकाबला सूबे के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना से है। कनिष्क इस समय कोई कसर नहीं छोड़ रहे है । कनिष्क ने आगे कहा, महाराजपुर की जनता भी समझ चुकी है कि इस बार विकास नहीं विनाश हुआ है, जनता किसी नए व्यक्ति को मौका देना चाह रही है।
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महाराजपुर के लोगों को क्या मिलेगा
अगर कानपुर के महाराजपुर कोई दूसरा विधायक चुन कर आता है तो उसको भी सतीश महाना से दोगुनी मेहनत इस क्षेत्र के विकास में करनी पड़ेगी क्योंकि पिछले पांच सालों में इस महाराजपुर विधानसभा में एक भी फैक्ट्री या कोई भी सरकारी परियोजना की शुरुआत नहीं हुई है। दिलचस्प देखना यह होगा की एक बड़े नेता को क्या यह नए युवा टक्कर दे पाते है।
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