KANPUR NEWS : सिविल लाइंस स्थित सरकारी जमीन पर कब्जे के प्रयास के मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद जिला प्रशासन ने नजूल की संपत्ति के दस्तावेजों की जांच कमेटी गठित की थी। दावा था कि तीन दिन में रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी, लेकिन अब अफसर बैकफुट पर आ गए हैं।
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नजूल की कितनी जमीन, आंकडा प्रशासन के पास नहीं
कमेटी ने रजिस्ट्री विभाग से जमीन से जुड़े पट्टे के डॉक्यूमेंट मांगे थे लेकिन रजिस्ट्री विभाग नहीं उपलब्ध करा पाया है। अब जांच टीम नजूल विभाग के पास रखे संपत्तियों के रजिस्टरों की मदद से रिपोर्ट तैयार करेगा। जिसके बाद जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपेगी।
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अरबो की जमीन पर कब्जे की जांच को प्रशासनिक टीम गठित
नजूल संपत्ति नोडल सुरेंद्र बहादुर ने बताया कि संपत्ति विभाग से जमीन के सारे अभिलेख मांगे गए थे, लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। अब नजूल रजिस्टर के सहारे रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जो जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।
NAZUL की भूमि प्रशासन के लिए सिरदर्द हो गई है। शहर में नजूल (Nazul) की कौन से एरिया में कितनी जमीन, कितने लीज पर हैं और कितने फ्री होल्ड हो गए प्रशासन के पास कोई डाटा नहीं है।फाइलों के रखरखाव का लेकर पूर्व अफसरों की लपरवाही और बाबुओं की आरामतलबी के चलते नजूल संबंधित आंकडों की जानकारी ही प्रशासन जुटा पाने में फेल साबित हो रहा हैं। वहीं आलम यह है कि नजूल की फाइलों के कई पन्ने या तो फट गए है या पढने के काबिल नहीं है। प्रशासन के इसी कमजोरी का फायदा भूमाफिया उठा रहे हैं।
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तीन सदस्यीय टीम कर रही है जांच
1000 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति पर कब्जे के प्रयास के बाद नजूल की संपत्ति की जांच करने के लिए एसडीएम सदर प्रखर कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। इसमें एसीएम सप्तम सुरेंद्र बहादुर और तहसीलदार सदर रितेश कुमार सिंह शामिल हैं।
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मंगलवार को जमीन का निरीक्षण करने के बाद टीम ने बुधवार को नजूल की संपत्ति का रजिस्टर खंगाला था। इसके बाद टीम ने रजिस्ट्री विभाग से पट्टे के सारे अभिलेख मांगे थे। विभाग तीन दिन तक नजूल के अभिलेख तलाशता रहा, लेकिन कोई रिकॉर्ड जांच टीम को उपलब्ध नहीं करा पाया है। ऐसे में जमीन की सही स्थिति का पता नहीं चल सका है।