KANPUR NEWS : राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवैध रूप से संचालित मौरंग धुलाई केंद्रों पर SDM SADAR ऋतुप्रिया ने मंगलवार को छापा मारा। छापे की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया और चालक ट्रक लेकर भाग निकले।
मौरंग धोने वालों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी, डीएम ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई
अस्पतालों, होटलों, फैक्ट्रियों को भूगर्भ जल विभाग ने जारी किया नोटिस
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वहीं, टीम को देख कर बोरबेल संचालक भी खेतों के रास्ते गायब हो गए। मौके पर संचालित दो बोरवेल को सील कर दिया गया है। एसडीएम ने बताया कि भू गर्भ जल दोहन करने वालों पर कार्रवाई जारी रहेगी।
भू गर्भ जल दोहन (groundwater exploitation) को लेकर सभी विभाग आंख मूंदे हैं। स्वराज इंडिया ने इस गंभीर मुद्दे को उठाया था। इसके बाद जागे प्रशासनिक अफसर ने अलग अलग तहसील में टीमें गठित कर मौरंग धोने वालों पर कार्रवाई के आदेश दिए।
डीएम के निर्देश पर SDM सदर ऋतुप्रिया की अगुवाई में एआरटीओ (प्रवर्तन), अधिशासी अभियंता दक्षिणांचल, हाइड्रोलॉजिस्ट, भूगर्भ विभाग के अधिकारी की संयुक्त टीम ने सागर हाई-वे पर संचालित मौरंग धुलाई केंद्रों पर छापेमारी की। हालांकि टीम के आने की भनक पहले ही धुलाई केंद्रों तक पहुंच गई थी, जिससे सभी ट्रक वहां से भाग निकले।
टीम जब धुलाई केंद्र पर पहुंची तो मौके पर एक भी ट्रक धुलाई करते नहीं मिला। टीम को देखकर धुलाई संचालक भी भाग निकले। मौके पर जमीन काफी गीली मिली, जिससे अंदाजा लग रहा था कि मौरंग की धुलाई हो रही थी।
कम आते हैं अधिशासी अभियंता
कानपुर नगर भूगर्भ जल विभाग अधिशासी अभियंता अवधेश कुमार कार्यालय कम आते हैं । डीएम की गठित टीम में अधिशासी अभियंता अवधेश कुमार का नाम लिखा है, लेकिन उनका कानपुर कार्यालय आना कम ही होता है। एक आलाधिकारी ने नाम न छापने पर बताया कि जो भू गर्भ जल विभाग अपना कार्य ठीक से नहीं कर रहा है। इनके अफसर आते नहीं और जिम्मेदारी हम लोगों को दे दी जाती है।
अफसर सिर्फ टालामटोली ही करते
दरअसल भूगर्भ जल विभाग लगातार मिल रही शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई न करता है। दुहाई दी जाती है कर्मचारियों की कमी की। इससे पहले भी तत्कालीन घाटमपुर SDM रामानुज ने भूगर्भ जल विभाग और और अधिशाषी अभियन्ता दक्षिण विद्युत वितरण खण्ड घाटमपुर को क्षेत्र में अलग.अलग जगहों पर मौरंग धुलाई सेंटर संचालन की शिकायत करते हुए कार्रवाई को लिखा था। लेकिन अफसर सिर्फ टालामटोली ही करते रहे और कोई कार्रवाई नहीं की गई। एसीएम रामनुज ने बताया कि संबंधित विभाग के अफसरों को कई दफा लेटर लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
क्यों धुलवाई जाती है, मौरंग
मौरंग खदान बंद होने से पहले लोग मौरंग के डंप लगा लेते हैं। बरसात के मौसम में इन डंप में मौरंग गंदी हो जाती है, जिसके चलते ट्रक मालिक मंडी में जाने से पहले मौरंग को धुलवाते हैं। धुलने के बाद मौरंग साफ और चमकदार दिखने लगती है, जिससे मंडी में मौरंग के दाम अच्छे मिल जाते हैं। हालांकि, मौरंग धुलाई में भारी मात्रा में भू-गर्भ जल बर्बाद होता है, साथ ही ट्रक से रोड पर गिरने वाले पानी से सड़क भी खराब होती है।
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हो सकती जेल, 20 लाख तक जुर्माना भी
भूगर्भ जल का अंधाधुंध दोहन करते हैं तो आपको जेल जाना पड़ सकता है…या फिर दो से 20 लाख तक जुर्माना लग सकता है। भूगर्भ जल बचाने के लिए 2019 में बने उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल ( प्रबंधन एवं विनियमन ) अधिनियम में इसका प्रावधान किया गया है। उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल अधिनियम के तहत बिना पंजीकरण व अनापत्ति प्रमाण पत्र के भूगर्भ जल दोहन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति, समूह और संस्था के खिलाफ दो से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा छह माह से एक साल तक के कारावास का प्रावधान किया गया है।