KANPUR NEWS : IGRS शिकायतों के निस्तारण में हीलाहवाली बरतने वाले अफसरों पर कडी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। डीएम ने 240 अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मौके पर जाए बिना शिकायतों का निस्तारण ऑफिस में बैठे-बैठे कर दिया जा रहा है।
शिकायतों के निस्तारण के फीडबैक में विभागीय अफसरों ने फजीअत करा दी। असंतुष्ट फीडबैक का प्रतिशत काफी अधिक है, जिससे जिले की रैकिंग गिरी है। वहीं शिकायतों की मार्किंग करने वाले तीन कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।
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डीएम राकेश कुमार सिंह ने बताया कि आईजीआरएस में शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण किया जाना अनिवार्य है। किसी भी लापरवाह अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। आगे जिस भी विभाग की लापरवाही मिलेगी उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
निस्तारण को लेकर नाराजगी
जिला उपायुक्त मनरेगा स्तर पर 12 शिकायतें आईजीआरएस पर की गईं लेकिन एक भी शिकायत निस्तारित नहीं की। जब शिकायतों के निस्तारण का फीडबैक शिकायतकर्ता से लिया गया तो उन्होंने निस्तारण को लेकर नाराजगी व्यक्त की।
प्रभारी चिकित्साधिकारी, घाटमपुर, बिल्हौर, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता, बीडीओ ककवन, सरसौल, पतारा, खंड शिक्षा अधिकारी, सब रजिस्टार नरवल, अधिशाषी अभियंता विद्युत समेत अन्य विभागों ने एक भी समस्या के निस्तारण में गंभीरता ही नहीं दिखाई। इनकी सभी शिकायतों का फीडबैक खराब मिला।
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नगर निगम का फीडबैक ज्यादा खराब
सीएम कार्यालय से पांच विभागों से सबसे ज्यादा शिकायतों का फीडबैक लिया गया, क्योंकि ये सभी विभाग सीधा जनता से संबंधित हैं। जिसमें नगर आयुक्त नगर निगम स्तर की दो हजार शिकायतों का फीडबैक लिया गया, जिसमें 1147 का फीडबैक असंतुष्ट मिला।
अधिशाषी अभियंता विद्युत की 619 शिकायतों में 357 का फीडबैक खराब मिला। अधिशाषी अभियंता जलकल की 410 शिकायतों में 215 का फीडबैक खराब मिला। समाज कल्याण विभाग की 315 शिकायतों में से 276 का फीडबैक खराब मिला।
महाप्रबंधक जलकल स्तर की 126 शिकायतों में 82 का फीडबैक खराब मिला और पंचायती राज विभाग की 125 शिकायतों में 94 का फीडबैक खराब रहा। इन विभागों की करीब 80 फीसदी शिकायतों का फीडबैक सही नहीं मिला।
एक भी समस्या का निस्तारण सही नहीं
मुख्यमंत्री स्तर से आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन में आयी शिकायतें जो अधिकारियों ने निस्तारित कर दी थीं, उनका फीडबैक लिया गया गया तो ज्यादातर शिकायतकर्ता अंसतुष्ट मिले। जिसमें 71 विभागों के अधिकारियों ने एक भी समस्या का निस्तारण सही नहीं किया।