KANPUR NEWS: सात सालों से खतौनी पर अपना नाम दर्ज कराने के लिए भटक रही माधवी तिवारी को अपने जन्मदिन पर अनमोल तोहफा मिला। KANPUR NEWS
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30 से अधिक बार घाटमपुर तहसील और कलेक्ट्रेट का चक्कर लगाकर थक चुकी माधवी बेमन से एक बार फिर शुक्रवार जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची। उदास मन से माधवी ने जैसे ही जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh) के सामने अपनी समस्या रखी तो उन्हें जवाब में देख लेने या कार्रवाई करने का जवाब मिलने के बजाए दस मिनट रुकने के लिए कहा गया। माधवी ने डीएम को जमकर आभार जताया। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने माधवी को जन्मदिन की बधाई दी और कहा कि शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अब जानिए पूरा मामला…
डीएम ने तहसीलदार घाटमपुर (Ghatampur) को फोन कर पूरे मामले की जानकारी ली और दस मिनट के अंदर नामांतरण करने का आदेश दिया। माधवी ने बताया कि घाटमपुर तहसीलदार ने पोर्टल पर खतौनी देख लेने के लिए खुद फोन किया। माधवी ने जिलाधिकारी (DM Jitendra Pratap Singh) को बधाई दी और कहा कि यह काम मेरी जिंदगी में जन्मदिन पर मिले अब तक के सबसे अनमोल तोहफे में से एक है।
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किदवई नगर के ब्लॉक में रहने वाली माधवी तिवारी गृहिणी हैं और उनके पति निखिल तिवारी प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं। शुक्रवार सुबह माधवी अपने पति निखिल के साथ कलेक्ट्रेट पहुंची और जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह (DM Jitendra Pratap Singh) के सामने अपनी समस्या बताई। माधवी ने बताया कि अप्रैल 2018 में जहांगीराबाद परगना घाटमपुर (Ghatampur) के रहने वाले धीरेंद्र नाथ तिवारी से डेढ़ बीघा जमीन खरीदी थी। बैनामा के बाद मई माह में उनके पक्ष में दाखिल खारिज का आदेश हो गया। इसके बाद भी खतौनी में उनका नाम दर्ज नहीं हुआ।
जब प्रार्थना पत्र दिया तो दोबारा जांच हुई। इसके बाद भी सुनवाई नहीं हुई। कागज पूरे होने के बावजूद काम न होने से लगा कि वकील लापरवाही कर रहे हैं। इससे दो बार वकील भी बदला। अधिकारी सिर्फ टरकाते रहे। धीरे-धीरे सात साल बीत गए। माधवी की समस्या सुनकर जिलाधिकारी हैरान रह गए। उन्होंने तत्काल तहसीलदार से बात की और नामांतरण न होने का कारण पूछा। कहा, यह काम आज ही होना चाहिए और अवगत भी कराएं। माधवी ने बताया कि 10 मिनट में तहसीलदार घाटमपुर लक्ष्मी नारायण बाजपेई का फोन आ गया कि नामांतरण हो गया है। पोर्टल पर दाखिल खारिज का आदेश चेक कर लीजिए। समस्या निस्तारित होने के बाद माधवी ने बताया कि आज उसका जन्मदिन है और यह सबसे बड़ा तोहफा मिला है।
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